उत्तर प्रदेश के बदायूं कांड ने एक बार फिर से पूरे देश को हिलाकर रख दिया। बदायूं में महिला के साथ दरिंदगी की हर हद को पार कर दिया। इस जघन्य घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग देशभर में उठ रही है। मामले के दो आरोपियों को तो पहले ही पुलिस अपनी गिरफ्त में ले चुकी थीं। लेकिन पुलिस को तलाश थीं केस के मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण की।
वारदात वाली जगह ही छिपा था महंत, फिर…
अब महंत सत्यनारायण भी शिकंजे में आ गया है। गुरुवार देर रात 50 हजार इनामी महंत सत्यनारायण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बदायूं कांड के बाद 4 दिनों से पुलिस उसकी तलाश में थीं। हैरान की बात तो ये है कि पुलिस की कई टीमें महंत की तलाश में लगी रही, लेकिन वो पहले उस मंदिर के पास खेत में ही छुपा रहा, जहां पर उसने महिला के दरिंदगी भरी इस वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद वो पड़ोस के गांव में चला गया।
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक गांवों वालों की मदद से पुलिस फरार महंत को पकड़ने में कामयाब हो पाई। हिरासत में लिए जाने के बाद अब इस मामले में उससे पूछताछ की जा रही है। इससे पहले महंत के दो सहयोगी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
हिला देने वाली है वारदात
गौरतलब है कि 3 जनवरी को यूपी के बदायूं में मंदिर गई आंगनबाड़ी सहायिका के साथ गैंगरेप किया गया था। महिला की पोस्टमार्टम में कई ऐसे खुलासे हुए, जिसने हर किसी को चौंका कर रख दिया। दरिंदों ने महिला के साथ गैंगरेप करने के साथ-साथ प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी। जिसके चलते महिला के प्राइवेट प्रार्ट पर कई गंभीर चोटें आई। सिर्फ इतना ही रिपोर्ट में ये भी पता चला कि पसली और पैर तोड़ दिए गए थे, फेफड़ों पर भी किसी वजनदार चीज से हमला किया गया। है। इस घटना के बाद महिला की मौत हो गई। बदायूं कांड ने 2012 के निर्भया केस के जख्म एक बार फिर से ताजा कर दिए।
मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई थी। घटना के 18 घंटों बाद पीड़ित महिला का पोस्टमार्टम शव के लिए भेजा गया। ये वारदात रविवार को घटी थी, जबकि महिला का पोस्टमार्टम मंगलवार को हुआ। जिसके चलते उघैती के थाना प्रभारी राघवेंद्र को सस्पेंड कर दिया गया। दो आरोपियों को पकड़ने के बाद पुलिस मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण की तलाश में जुटी थीं।
चार टीमें कर रही थीं महंत की तलाश
पुलिस की चार टीमें महंत की तलाश में लगी थीं। राज्य सरकार ने आईजी रेंज राजेश पांडेय को बदायूं में कैंप कर महंत की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। देर रात कांबिंग शुरू कर दी गई थीं। उस पर 50 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया गया था। इसके बाद गांव के लोगों की मदद से गुरुवार देर रात वो पुलिस की पकड़ में आया। जानकारी के मुताबिक सत्यनारायण एक गांव में अपने अनुयायी के घर में छिपा हुआ था जहां से उसे पकड़ा गया।
‘किसी कीमत पर दोषी नहीं बख्शे जाएंगे’
गौरतलब है कि इस घटना के चलते उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक बार फिर से सवालों में घिर गई थीं। विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरना शुरू कर दिया। सीएम योगी ने इस घटना को निंदनीय बताते हुए कहा था कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
हाथरस कांड के बाद अब बदायूं के इस केस को लेकर पूरे देश में उबाल है। मंदिर गई महिला के साथ जिस तरह महंत ने अपने साथियों के साथ मिलकर हैवानियत भरी वारदात अंजाम दिया, वो झकझोर देने वाला है। मामले के आरोपी तो अब पुलिस की गिरफ्त में आ चुके है, देखना होगा कि आगे इस केस में क्या क्या होता है…?