देश को आजादी मिले आज 75 साल पूरे हो गए। पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंड़ा फहराने के बाद देश को संबोधित करते हुए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्य न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के साथ की।
साथ ही उन्होंने दुनिया की वर्तमान चुनौतियों के बीच भारत की मजबूती को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने अपने भाषण में आगामी 25 साल के विजन को पेश किया। इस आर्टिकल में हम आपको उनके भाषण की 7 बड़ी बाते बताएंगे…तो आईए शुरु करते हैं।
पीएम के संबोधन की 7 बड़ी बातें
- पीएम नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से 8वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इस दौरान उन्होंने कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा, मातृभाषा में होनहार लोग मिल सकते है। मातृभाषा में पढ़े हुए लोग आगे आएंगे तो उनका आत्मविश्वास और बढ़ेगा। इसी तरह सैनिक स्कूलों में अब बेटियों को पढ़ने की आजादी होगी।
- पीएम ने अपने संबोधन में कहा, ओलंपिक में जिन एथलीटों ने हमें गौरवान्वित किया है, वे आज यहां हमारे बीच हैं। मैं राष्ट्र से आज उनकी उपलब्धि की सराहना करने का आग्रह करता हूं। उन्होंने न केवल हमारा दिल जीता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित किया है।
- पीएम मोदी ने कोरोना कहर के बीच देश के फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका की तारीफ की। उन्होंने कहा, हमारे डॉक्टर, हमारे नर्सेस, हमारे पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, वैक्सीन बनाने मे जुटे वैज्ञानिक हों, सेवा में जुटे नागरिक हों, वे सब भी वंदन के अधिकारी हैं।
- पीएम मोदी ने अपने बहुचर्चित नारे सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास में आग एक नया टर्म जोड़ दिया। उन्होंने कहा, सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास, इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुटे हुए हैं। आज लाल किले से मैं आह्वान कर रहा हूं कि ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और अब सबका प्रयास’ हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- पीएम मोदी ने किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों की जमीन छोटी होती जा रही है। देश के 80% किसानों के पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। 100 में से 80 किसानों के पास कम जमीन है। यानी किसान एक तरीके से छोटा किसान है। देश में पहले जो नीतियां बनीं, उसमें छोटे किसानों पर जो नीतियां बननी चाहिए थी, उन पर जो ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए था, वह नहीं हुआ।
- पीएम ने कहा, हम आजादी का जश्न मनाते हैं लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है। अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।
- पीएम ने आगे कहा कि यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी।