देश में एक बार
फिर से महामारी कोरोना वायरस की वजह से खतरे की घंटी बज गई है। जहां एक वक्त ऐसा
लग रहा था कि भारत कोरोना महामारी को जल्द ही हरा देगा। वहीं इसी बीच कोरोना ने
देश में यू टर्न ले लिया है। एक बार फिर से कई राज्यों में तेजी से कोरोना के केस
बढ़ने लगे है, जो चिंता बढ़ा रहे है। सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र का है। इसके अलावा
एमपी, पंजाब समेत दूसरे राज्यों में भी दोबारा से ये वायरस पैर पसार रहा है।
पीएम की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक
कोरोना के बढ़ते
मामलों पर कंट्रोल करने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के
मुख्यमंत्रियों के साथ एक खास बैठक की। पीएम मोदी के साथ इस बैठक में तीन राज्यों
के सीएम शामिल नहीं हुए। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बंगाल की सीएम ममता
बनर्जी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बैठक का हिस्सा नहीं बने।
‘दुनिया के लिए उदाहरण बना भारत’
इस बैठक में पीएम
मोदी ने बढ़ते केस पर चिंता जताने के साथ कुछ सुझाव भी दिए। इसके अलावा उन्होनें
कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भी चर्चा की। बैठक में प्रधानमंत्री बोले कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई
में भारत दुनिया के लिए उदाहरण बना। हमारी कोरोना से ठीक होने की दर 96 फीसदी से
भी ज्यादा है, जबकि मरने वालों की संख्या सबसे कम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में आज हम जहां पहुंचे, उससे जो आत्मविश्वास आया, उसको
लापरवाही ने नहीं बदलना।
‘इस वेव को नहीं रोका तो…’
पीएम ने कहा कि
कई देशों ने कोरोना की कई लहर का सामना किया। यहां भी कई राज्यों में अचानक केस
बढ़ने लगे। महाराष्ट्र और एमपी जैसे राज्यों में भी पॉजिटिविटी रेट काफी बढ़ा। अगर
हमने कोरोना की इस वेव को यहां पर ही नहीं रोका, तो इसका देशव्यापी असर देखने को
मिलेगा।
‘गांव में मामले बढ़ने का खतरा’
अपने संबोधन में
पीएम मोदी बोले कि जनता के बीच पैनिक मोड नहीं लाना। भय का माहौल नहीं बनाना। जनता
को हमें परेशानी से छुटकारा दिलाना है। हमें पुराने अनुभवों दोबारा से उपयोग में
लाना होगा। पीएम ने कहा कि अब टियर 2 और टियर 3 शहरों में कोरोना वायरस के मामलों
में बढ़ोत्तरी होगी। अगर इनको नहीं रोका तो गांवों में मामले बढ़ने का खतरा है।
अगर ऐसा हुआ तो कोरोना को संभाल पाना मुश्किल होगा।
पीएम मोदी ने
दिए ये सुझाव
बैठक में
प्रधानमंत्री ने कहा कि टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट को दोबारा से गंभीरता में लेना
होगा। टेस्टिंग बढ़ानी होगी। RT-PCR टेस्ट की संख्या को 70 प्रतिशत से
ऊपर लाना होगा। पीएम बोले कि हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग बढ़ानी होगीं। छोटे शहरों में हमें ‘रेफरल सिस्टम’ और ‘एम्बुलेंस नेटवर्क’ के ऊपर
खास ध्यान देना होगा। जहां पर जरूरत हो वहां माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने के
विकल्प पर भी काम करना चाहिए।
कोरोना वैक्सीनेशन
पर ये बोले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी
ने कोरोना वैक्सीनेशन पर बोलते हुए कहा कि देश में टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा
है। एक दिन में 30 लाख डोज दिए जाने का रिकॉर्ड भी बन गया। वैक्सीनेशन के साथ ही
हमें वैक्सीन के बर्बादी की समस्या को भी काफी गंभीरता से लेना होगा। ये चर्चा का
विषय है कि कुछ जगहों पर टेस्टिंग और टीकाकरण की रफ्तार कम क्यों है। हमें वैक्सीन
लगाने वाले केंद्रों की संख्या को बढ़ाना होगा। सरकारी और प्राइवेट दोनों में
वैक्सीन लगाने की सुविधा होने चाहिए। इसके साथ ही वैक्सीन की एक्सपाइरी डेट पर भी
ध्यान रखना होगा।