इस वक्त किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बुरी तरह से घिरीं हुई हैं। एक तरफ तो सरकार को हजारों किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विपक्ष भी सड़क से लेकर संसद तक मोदी सरकार पर इस मुद्दे को लेकर हमलावर है। संसद में बजट सत्र चल रहा है। इस दौरान भी किसान आंदोलन को लेकर दोनों सदनों में खूब हंगामा देखने को मिल रहा है।
केवल राज्यसभा में ही बोल सकते हैं पीएम
राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पेश किए जाने के बाद जब से संसद की कार्यवाही शुरू हुआ, विपक्षी पार्टियों ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर केंद्र के खूब घेरा। विपक्ष के हंगामे के चलते पीएम मोदी अब तक राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब तक नहीं दे सके। ऐसे में अब इस बात की संभावना जताई जाने लगी है कि प्रधानमंत्री इस बार सिर्फ राज्यसभा में ही राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दें।
दरअसल, शुक्रवार को राज्यसभा में अभिभाषण और किसान आंदोलन पर चर्चा पूरी हो चुकी है। ऐसे में अगर नरेंद्र मोदी लोकसभा की जगह केवल राज्यसभा में ही बोलते हैं, तो वो ऐसा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन जाएंगे। इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने सिर्फ राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब नहीं दिया।
दोनों सदनों में भाषण देते हैं पीएम, लेकिन…
परंपरा यही है कि प्रधानमंत्री दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के बाद धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हैं। अब तक ऐसा सिर्फ दो ही बार हुआ, जब देश के प्रधानमंत्री ने लोकसभा में चर्चा का हिस्सा ना लिया हो। लेकिन इस दोनों ही बार राज्यसभा में भी प्रधानमंत्रियों ने भाषण नहीं दिया था।
1999 में ऐसा पहली बार हुआ था, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। तब लोकसभा में उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया था। वहीं 2009 में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब भी ऐसा हुआ था। उस दौरान तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और लोकसभा के नेता प्रणब मुखर्जी ने दोनों सदनों में जवाब दिया था।
वैसे ऐसा अब तक चार बार हो चुका है, जब प्रधानमंत्री ने केवल लोकसभा में जवाब दिया हो और राज्यसभा में नहीं। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ जब किसी प्रधानमंत्री ने लोकसभा में भाषण नहीं दिया और राज्यसभा में दिया हो।
दरअसल, लोकसभा में अब तक राष्ट्रपति के अभिभाषण से जुड़े प्रस्ताव पारित नहीं हुए। हालांकि सरकार की पूरी कोशिश है कि वो गतिरोध को जल्द खत्म करें। वैसे शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को लोकसभा में जवाब देना था। लेकिन हंगामे की चलते लोकसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित होती रही।
सोमवार को राज्यसभा में बोल सकते हैं पीएम
तय कार्यक्रम के मुताबित सोमवार को सुबह 10:30 बजे पीएम मोदी को राज्यसभा में बोलता हैं। ऐसे में अगर पीएम मोदी केवल राज्यसभा में इस बार बोलते हैं और लोकसभा में नहीं, तो वो ऐसा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बनेंगे। हालांकि संभावना ये भी जताई जा रही है कि पीएम मोदी राज्यसभा में भी ना बोले और उनकी जगह पर कोई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दें।