आज शुक्रवार को पीएम मोदी ने सुबह 9 बजे देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने तीनों नए कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया। इन कानूनों को लेकर ही किसान बीते करीब करीब एक साल से ही आंदोलन कर रहे थे। कानूनों को लेकर काफी बवाल देश में मचा हुआ था। सरकार और किसानों में बातचीत बनती नहीं दिख रही थी।
लेकिन अब आखिरकार मोदी सरकार को किसानों की मांग के आगे झुकना ही पड़ा और तीनों कानूनों को वापस लेना पड़ा। पीएम मोदी ने कानून वापस लेते हुए माफी मांगनी और कहा कि हमारी कोशिशों में ही कमी रही होगी कि हम किसानों को समझा नहीं सके। साथ ही उन्होंने किसानों से घर लौटने की भी अपील की।
‘किसानों की समस्याओं को करीब से देखा’
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि बीते कई दशकों से मैंने किसानों की समस्याओं, उनकी परेशानियों को करीब से देखा है, महसूस किया है। मुझे जब मौका दिया गया, तो हमारी सरकार ने किसानों की बेहतरी के लिए काम करने में जुटे रहे।
‘सुधार के लिए लाए गए थे कानून’
पीएम मोदी बोले कि कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीनों नए कानून को लेकर आया गया था। जिसे इससे छोटे किसानों को ज्यादा ताकत मिले। इन मांगों को कई सालों से देश के किसान और तमाम एक्सपर्ट्स, अर्थशास्त्री कर रहे थे। जब कानून लाए गए, तो संसद में इस पर चर्चा की गई। देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत और समर्थन किया। मैं सभी का आभारी हूं।
पीएम ने किया कानून वापस लेने का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि जगत में हित के लिए, गरीब के हित में और नेक नियत से हमारी सरकार ये कानून लेकर आई थी। लेकिन फिर भी इतनी पवित्र बात को हम पूरण रूप से किसानों को नहीं समझा सके। किसानों का एक वर्ग भले ही इसके विरोध में हो। हमारी तरफ से बातचीत की भी कोशिश हुई। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी गया।
पीएम ने आगे बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि मैं देश के लोगों से माफी मांगना चाहता हूं। हमारी कोशिशों में ही कमी रही होगी कि हम किसानों को समझा नहीं सके। गुरू नानक जी का पवित्र प्रकाश पर्व आज है, जिस पर आज मैं आपको बताने जा रहा हूं कि हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला कर लिया है। आंदोलनकारी किसानों से ये अपील है कि वो घर लौट जाएं। अपने खेतों और परिवार के पास लौट जाएं और एक नई शुरूआत करें। इस महीने के अंत में होने वाले संसद सत्र में हम इन कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरा करेंगे।
कानूनी वापसी पर असदुद्दीन ओवैसी ने किए ट्वीट-
‘किसानों को मिली ऐतिहासिक सफलता’
कृषि कानून वापस लेने पर नवजोत सिंह सिद्धू ने भी ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा- ‘काले कानूनों को निरस्त करना सही दिशा में एक कदम… किसान मोर्चा के सत्याग्रह को मिली ऐतिहासिक सफलता… आपके बलिदान ने लाभांश का भुगतान किया है। पंजाब में एक रोड मैप के माध्यम से खेती को पुनर्जीवित करना पंजाब सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।’
तत्काल वापस नहीं होगा आंदोलन- राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कानून वापसी के बाद कहा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। हम उस दिन का इंतेजार करेंगे, जब कृषि कानून को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ साथ किसानों से दूसरे मुद्दों को लेकर भी बातचीत करें।
कानून वापस लेने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का भी रिएक्शन सामने आया। राहुल ने ट्वीट कर कहा- ‘देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार को झुका दिया। ्अन्नाय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो। जय हिंद, जय हिंद का किसान!’
पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं- कैप्टन अमरिंदर सिंह
पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पीएम के फैसले पर खुशी जताई। उन्होंने ट्वीट किया- ‘शानदार खबर! मैं पीएम नरेंद्र मोदी का शुक्रगुजार हूं, हर पंजाबी की मांग को मानने और गुरू नानक जी की जयंती पर 3 काले कानून को निरस्त करने का। मुझे भरोसा है कि केंद्र सरकार किसानी के विकास के लिए काम करती रहेगी।’
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की
पीएम मोदी के इस फैसले पर रिएक्शन आना शुरू हो गए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानून वापस लेने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- ‘आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी खुशखबरी मिली। तीनों कानून रद्द। 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़िया याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था। मेरे देश के किसानों को मेरा नमन।’