कोरोना की सेकेंड लहर के घटते कहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर देशवासियों के सामने आए। पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कोरोना की दूसरी लहर पर अपनी बात रखी। साथ ही देश में वैक्सीनेशन अभियान तेज करने के लिए एक बड़े फैसला लिया।
युवाओं का मुफ्त वैक्सीनेशन
पीएम मोदी ने ऐलान किया कि 21 जून से देश में 18-44 साल की एज ग्रुप का वैक्सीनेशन केंद्र सरकार फ्री में कराएगी। पीएम ने कहा कि किसी भी राज्य को वैक्सीन के लिए अब कोई खर्च नहीं करना होगा। देश में करोड़ों लोगों का अब तक मुफ्त टीकाकरण हुआ। इसमें अब 18-44 के उम्र वाले लोगों को भी शामिल किया जाएगा और उनका फ्री वैक्सीनेशन होगा। इसके लिए 16 जनवरी से अप्रैल अंत वाली व्यवस्था को दोबारा लागू किया जाएगा। राज्यों को जो वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25% जिम्मेदारी दी गई थी, वो भी अब भारत सरकार ही उठाएगी।
पीएम ने अपने संबोधन में ये भी बताया था कि वैक्सीन का 25 प्रतिशत हिस्सा प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल ले सकेंगे। ये व्यवस्था अभी भी जारी रहेगी। प्राइवेट अस्पताल वैक्सीन की निर्धारित कीमत के अनुसार एक डोज पर ज्यादा से ज्यादा 150 रुपए ही सर्विस चार्ज कर पाएंगे। इसकी निगरानी करने का जिम्मा राज्य सरकारों के हाथ में होगा।
दिवाली तक मुफ्त राशन
इसके अलावा अपने संबोधन में पीएम मोदी ने एक और बड़ा ऐलान किया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मिलने वाले राशन की योजना को अब इस साल दिवाली तक बढ़ा दिया गया है। पीएम ने कहा कि अब नवंबर 2021 तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। बता दें कि बीते साल कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के चलते भी केंद्र की तरफ से ये योजना चलाई गई थीं। वहीं दूसरी लहर के कहर के दौरान केंद्र इस योजना को वापस लेकर आई थी।
‘भारत ने भी सही पीड़ा’
अपने संबोधन में पीएम मोदी कोरोना की सेकेंड वेव को लेकर भी बोले। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों की तरह भारत ने भी कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई काफी पीड़ा देखीं। कई लोगों ने अपने परिजनों और परिचितों को खोया। ऐसे सभी परिवारों, जिन्होंने अपनों को खोया, उनके प्रति मेरी पूरी संवेदनाएं हैं।
‘देश में नया इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 100 साल में आई ये सबसे बड़ी महामारी है, जिसे आधुनिक दुनिया ने ना देखा, ना अनुभव किया था। भारत हर मोर्चे पर इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था। पिछले सवा सालों के अंदर देश ने एक नया इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया। मेडिकल ऑक्सीजन की इतनी कमी कभी नहीं हुई। सेना की तीनों टुकड़ियों को लगाया गया। दुनिया के जिस भी कोने से जो लाया जा सकता था, वो किया।
‘नहीं होती वैक्सीन तो क्या होता?’
पीएम बोले कि इस लड़ाई में सुरक्षा कवच वैक्सीन ही है। दुनियाभर में गिनी चुनी कंपनियां ही वैक्सीन बनाती हैं। अगर भारत के पास वैक्सीन नहीं होती, तो इतने बड़े देश का क्या होता। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं दुनिया को भारत को लेकर कई तरह की आंशकाएं थीं कि भारत अपनी इतनी बड़ी आबादी को कैसे बचाएगा? नीयत जब साफ और नीति स्पष्ट हो औऱ निरंतर परिश्रम होता है, तो नतीजे मिलते हैं। हर आशंका को दूर करते हुए हमने एक साल के अंदर दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन लॉन्च की।
‘…तो वैक्सीनेशन में 40 साल लग जाते’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम बीते 50 से 60 सालों के इतिहास पर नजर डालें तो ये पता चलेगा कि देश में विदेशों से वैक्सीन लेने में दशकों लग जाते थे। वहां वैक्सीन का काम पूरा हो जाता, तब भी देश में वैक्सीनेशन शुरू नहीं होता था। पोलियो, स्मॉल पॉक्स की वैक्सीन के लिए दशकों तक का इंतेजार किया। पीएम बोले कि 2014 में वैक्सीनेशन का कवरेज 60 फीसदी ही था। इस रफ्तार से अगर आगे बढ़ते तो टीकाकरण में 40 साल लग जाते। वैक्सीनेशन की रफ्तार और दायरा बढ़ाया गया। हमने मिशन इंद्रधनुष लॉन्च किया और इस पर युद्ध स्तर पर काम किया।
पीएम ने आगे वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे देश के साइंटिस्ट ने दिखा दिया कि भारत किसी बड़े देश से पीछे नहीं। आज देश में 23 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। अपने इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में 7 कंपनियां अलग अलग वैक्सीन का प्रोडेक्शन कर रही हैं, ट्रायल कर रही हैं।