26 जनवरी 2024, आज के दिन भारत 75 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. जहाँ 15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ यो वहीं 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ और इसी दिन स्वत्रंत भारत का पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको देश का पहला गणतंत्र दिवस कैसे मनाया गया इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं.
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स्टेडियम में मनाया गया पहला गणतंत्र दिवस
आजादी के तीन साल बाद 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ और इसी दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. साल 1950 में पहला गणतंत्र दिवस दिल्ली के पुराने किले के सामने बने मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में किया गया था. पहले इसे इरविन एम्फीथिएटर के नाम से जाना जाता था.
इरविन स्टेडियम में पहली बार गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया था और राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंदर प्रसाद ने परेड की सलामी ली थी और तभी से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं.
इंडोनेशिया से आये थे पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि
पहले गणतंत्र दिवस के दिन झंडा फहराते वक्त इरविन स्टेडियम में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी मौजूद थे. देश के पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडोनेशिया से मेहमान आए थे और रिपब्लिक डे पहले चीफ गेस्ट इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे.
पहले गणतंत्र दिवस के दौरान भी जवानों के बीच गज़ब का उत्साह देखने को मिला. जनरल फील्ड मार्शल करियप्पा ने भारतीय फौजियों से कहा था कि आज हम भी आजाद , तुम भी आजाद और हमारा कुत्ता भी आजाद. उनकी बुलंद आवाज में ये लाइन सुनते ही फौजियों में गजब का जोश भर गया था.
21 तोपों की जगह दी गयी 30 तोपों की सलामी
जहाँ अब गणतंत्र दिवस इंडिया गेट पर मनाया जाता है लेकिन पहला गणतंत्र दिवस पुराने किले के पास मनाया गया था. वहीं उस वक्त की तस्वीर में देखा जा सकता है कि कैसे भारतीय सेना के जवान पुराने किले के पास एक कतार में खड़े होकर काफी अधिक जवान गणतंत्र दिवस मना रहे थे.
जब पहली बार गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया गया तो उसके बाद तोपो की सलामी भी दी गई. जिसकी आवाज से पूरी दिल्ली गूंज रही थी. जहाँ इस मौके पर झंडा फहराया गया परेड हुई और राष्ट्रपति ने सलामी ली तो वहीं पहली बार 21 तोपों की जगह 30 तोपों की सलामी दी गई थी. वहीँ पहले गणतंत्र दिवस पर FlyPast भी हुआ.
इस तरह हुआ राष्ट्रीय अवकाश घोषित
आपको बता दें, भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को भारतीय गणराज्य के जन्म के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. इसी दिन को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मान्यता मिलने के बाद राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था.
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