पूरा देश कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। हालात में पहले की अपेक्षा कुछ सुधार जरुर देखने को मिल रहा है लेकिन स्थिति अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है। देश में वैक्सीनेशन का काम भी जोर शोर से चल रहा है। देश के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी भी देखने को मिल रही है। इसी बीच आज सोमवार, 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरु हुआ है।
मानसून सत्र से ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों से टीका लगवाने की अपील करते हुए कहा कि इस महमारी के खिलाफ बाहुबली बनने का एक तरीका है, आप अपनी बाहों में वैक्सीन लगवाएं। पीएम के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर हलचल तेज हो गई है। यूजर्स इस पर तरह-तरह के फनी रिएक्शन देते दिख रहे हैं।
जानें पीएम मोदी ने क्या कहा?
दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं आशा करता हूं कि आप सबको वैक्सीन की कम से कम एक ड़ोज लग गई होगी। वैक्सीन बाहु पर लगती है और जब वैक्सीन बाहु पर लगती है तो आप बाहुबली बन जाते हैं। उन्होंने कहा अब तक 40 करोड़ से ज़्यादा लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बाहुबली बन चुके हैं।
ट्विटर पर जमकर उड़ा मजाक!
पीएम मोदी द्वारा बाहुबली का नाम लेते ही सोशल मीडिया पर हलचल तेज हो गई है। कोई उन्हें बॉलीवुड का स्क्रिप्ट डायरेक्टर बताने लगा तो कुछ लोग उनके बयान को गैर-जरुरी बताते नजर आए।
आदित्य गुप्ता (@researchAditya) नाम के यूजर ने एक मजेदार तस्वीर शेयर की। जिसमें उसे एक हाथ से बाहुबली तो दूसरे हाथ से कमजोर दिखाया गया है। इस ट्विट में यूजर का इशारा वैक्सीन का पहला डोज लेने वाले लोगों की ओर है। वहीं, किसी ने पहले डोज को बाहुबली-1 बताया है तो वैक्सीन के दूसरे डोज की तुलना बाहुबली-2 से कर डाली है।
पैट्रियॉट नाम के एक यूजर ने ट्विट करते हुए कोरोना विस्तार के लिए पीएम मोदी की चुनावी जनसभाओं को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, फैंसी शब्दजालों का इस्तेमाल करने से हमें कोविड-19 के खिलाफ जंग जीतने में आसानी नहीं होगी। राष्ट्र हमारे माननीय प्रधान मंत्री को दूसरी लहर के चरम के बीच अपनी चुनावी रैली के दौरान सामूहिक सभाओं के गर्व करने के बारे में कभी नहीं भूलेगा।
इस मामले पर डॉ वी नाम के एक यूजर ने लिखा कि कोई स्क्रिप्ट राइटर को कटप्पा से मिलवाओ। वहीं, विजय निगम नाम के ट्विटर यूजर ने पीएम मोदी के स्क्रिप्ट राइटर्स को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने लिखा, ये स्क्रिप्ट लिखने वाले कितने फुरसतिया लोग होंगे। बच्चों जैसे तुकबंदी, जोड़ तोड़ के वाक्य, पर अचरज इस बात का ज्यादा है लोग पसंद भी खूब करते है।