आतंकी और कट्टरवादी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। एशिया के कई देशों ने तालिबान का सपोर्ट किया है। वहीं, अमेरिका समेत यूरोप के कई देशों ने कहा है कि वे बंदूक के बल पर सरकार बनाने वालों का सपोर्ट नहीं करेंगे। भारत ने भी अभी तक तालिबान के समर्थन की बात नहीं कही है।
लेकिन भारत के भीतर के अभी तक कई लोग अफगानिस्तान में तालिबानियों का समर्थन कर चुके हैं। इसी बीच जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने तालिबान के बहाने एक बार फिर से मोदी सरकार को लपेटा है। वह मोदी सरकार के खिलाफ आग उगलती देखी जा रही है। अफगानिस्तान में तालिबान की जीत के बाद महबूबा मुफ्ती का लहजा और सख्त होता नजर आ रहा है।
महबूबा मुफ्ती ने कुलगाम में आज रविवार को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी सरकार क निशाने पर लिया। उन्होंने मोदी सरकार अपने पड़ोस (अफगानिस्तान) की ओर नजर घुमाएं, जहां सुपर पावर अमेरिका को भी बैग पैक करके भागने को मजबूर होना पड़ा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उसने वाजपेयी डॉक्टरिन के तहत पाकिस्तान से दोबारा बातचीत शुरू नहीं की तो उसे भी ऐसे ही बर्बाद होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीरियों के सब्र का इम्तिहान न लें, उसे एक दिन परास्त होना पड़ेगा।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'मैं बार बार कहती हूं, सुधर जाओ। पड़ोस में देखो क्या हो रहा है। अमेरिका को बोरिया बिस्तर लेकर जाना पड़ा। जिस तरह से वाजपेयी जी ने बात शुरू की थी उसी तरह से बात शुरू करो, नहीं तो बहुत देर हो जाएगी।‘
उन्होंने कहा, ‘JK के टुकड़े टुकड़े कर दिए, इस गलती को सुधारो। लोग सोचते हैं कि ये क्या करेंगी लेकिन कभी कभी एक चींटी हाथी के सूंड में घुस जाती है तो उसका भी जीना मुश्किल कर देती है।‘
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ‘कश्मीरी कमजोर नहीं हैं, वे बहादुर और धैर्यशील हैं। यह उनका साहस और धैर्य ही है कि उन्होंने अब तक बंदूक नहीं उठाई है। जिस दिन उनका धैर्य जवाब दे दिया, उस दिन सब कुछ खत्म हो जाएगा।‘
पीडीपी नेता ने आगे कहा कि कांग्रेस ने आज तक इस देश को बचाए रखा है। हालांकि कांग्रेस नेताओं से भी कई गलतियां हुई हैं लेकिन उसने देश को एक बनाए रखा है। उन्होंने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा, बीजेपी देश के टुकड़े-टुकड़े करवाना चाहती है। बीजेपी देश का तालिबानीकरण करने की कोशिश कर रही है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘जिस वक्त देश आजाद हुआ, उस वक्त मुस्लिम बहुल जम्मू कश्मीर एक स्वतंत्र रियासत था। पंडित नेहरू और कांग्रेस की नीतियों की वजह से जम्मू कश्मीर भारत में मिलने को तैयार हो गया। अगर उस समय बीजेपी केंद्र की सत्ता में होती और आज की तरह उस समय भी हठधर्मिता दिखाती तो जम्मू कश्मीर कभी भी भारत को नहीं मिलता।‘
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