योगगुरु बाबा रामदेव ने पिछले दिनों कोरोना की दवा बताते हुए पतंजलि की ओर से बनाई गई आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल लॉन्च की। उन्होंने इस आयुर्वेदिक दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाणन मिलने की बात कही थी।
लेकिन उनके इस दावे के कुछ ही घंटों बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से आधिकारिक तौर पर कहा गया कि संगठन ने ऐसे किसी भी दवा को मंजूरी नहीं दी है। कोरोनिल के लॉन्च के कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और नितिन गड़करी मौजूद थे। WHO की टिप्पणी के बाद कोरोनिल पर एक बार फिर से लगातार सवाल उठ रहे हैं।
पिछले दिनों इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के कोरोनिल का समर्थन करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को आड़े हाथों लिया था। जिसपर अब पतंजलि की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है।
पतंजलि की प्रतिक्रिया
इस मामले को लेकर पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से बयान जारी किया गया है। जिसमें ट्रस्ट के जनरल सेक्रेट्री बालकृष्ण ने कहा है कि कोरोनिल को WHO-GMP के मुताबिक CoPP लाइसेंस मिला। उन्होंने कहा, डॉ. हर्षवर्धन ने किसी भी आयुर्वेदिक दवाई को इंडोर्स नहीं किया है और न ही उन्होंने किसी मॉर्डन मेडिसिन को कमजोर किया है।
IMA ने उठाए थे सवाल
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन पेशे से एक डॉक्टर भी हैं। WHO की ओर से मामले पर टिप्पणी करने के बाद IMA ने डॉ हर्षवर्धन को निशाने पर लिया। IMA ने कहा, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की संहिता के अनुसार जो हर आधुनिक मेडिकल डॉक्टर के लिए बाध्यकारी है, कोई भी डॉक्टर किसी भी दवा को प्रमोट नहीं कर सकता है।
हालांकि यह आश्चर्य की बात है कि स्वास्थ्य मंत्री खुद एक आधुनिक चिकित्सा डॉक्टर हैं, दवा का प्रचार करते हुए पाए गए। IMA ने कहा था कि देश के स्वास्थ्य मंत्री की उपस्थिति में बनाई गई एक अवैज्ञानिक दवा का गलत और मनगढ़ंत तरीके से फैलाना, जिसे बाद में WHO ने खारिज कर दिया, पूरे देश का अपमान है।
WHO ने कहा- नहीं की समीक्षा
बता दें, वैश्विक महामारी कोरोना का असर अभी भी दुनिया के कई हिस्सों में देखने को मिल रहा है। भारत सहित तमाम देशों में स्थिति कुछ ठीक हुई है। तो वहीं, दूसरी ओर दुनिया के कई देश अभी भी इसके चपेट में हैं। कई देशों में वैक्सीनेशन का काम शुरु हो गया है।
भारत दुनिया के कई देशों को वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है। पिछले दिनों योगगुरु बाबा रामदेव ने कोरोना की दवा बताते हुए पतंजलि की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल लॉन्च की। उन्होंने उस दवा को पूरी तरह से साक्ष्यों पर आधारित बताया था।
हालांकि, WHO की ओर से स्पष्ट तौर पर कहा गया कि उसने कोविड-19 की रोकथाम या इलाज से जुड़ी किसी पारंपरिक दवा की न तो समीक्षा की है और न ही उसे प्रमाणित किया है।