Pakistan on Simla Agreement: भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने फैसलों को तेज़ करते हुए, उसे कड़ा संदेश दिया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर जबरदस्त चोट पहुंचाई है। इन फैसलों में सबसे महत्वपूर्ण था सिंधु जल समझौता (IWT) को स्थगित करना, जो अब तक दोनों देशों के बीच जल विवाद का एक बड़ा मुद्दा रहा है।
पाकिस्तान का शिमला समझौते को स्थगित करने की धमकी- Pakistan on Simla Agreement
पाकिस्तान ने भारत के इन फैसलों पर जवाबी कार्रवाई के तौर पर शिमला समझौता को स्थगित करने की धमकी दी है। पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक प्रधानमंत्री शाहनवाज शरीफ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई, जिसमें इस पर विचार किया गया। पाकिस्तान के इस कदम ने दोनों देशों के रिश्तों में और खटास डाल दी है।
शिमला समझौता: इतिहास और महत्व
शिमला समझौता 1972 में हुआ था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के बाद तनाव था। उस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को भारी शिकस्त दी थी और उसके दो टुकड़े कर दिए थे। शिमला समझौते के दौरान, भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने मुलाकात की थी, और दोनों देशों के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के रिश्तों को सामान्य बनाना था। युद्ध के दौरान 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय सेना ने बंदी बना लिया था, जिनकी रिहाई इस समझौते के बाद हुई।
पाकिस्तान का उल्लंघन और आतंकवाद का समर्थन
पाकिस्तान ने शिमला समझौते का कई बार उल्लंघन किया है। उसने कश्मीर मुद्दे को UN और OIC जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार उठाया, जबकि समझौते में यह तय था कि दोनों देश सीजफायर लाइन को बदलने की कोशिश नहीं करेंगे। इसके अलावा, 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी, जिसके परिणामस्वरूप उसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था।
युद्ध में हार के बाद, पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठनों को पनाह देना शुरू किया। पाकिस्तानी सेना और ISI आतंकियों को भारतीय सीमा पर भेजकर नापाक मंसूबों को अंजाम देने की कोशिश करती रही है, लेकिन भारतीय सुरक्षा बल हर बार उनकी साजिशों को नाकाम कर देते हैं।
सिंधु जल समझौता: एक महत्वपूर्ण कदम
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सिंधु जल समझौते के तहत, दोनों देशों ने सिंधु बेसिन की नदियों के पानी के बंटवारे पर सहमति जताई थी। भारत को पूर्वी नदियों—रावी, ब्यास, और सतलुज—पर पूरा अधिकार था, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों—सिंधु, चिनाब और झेलम—का नियंत्रण प्राप्त था। इस समझौते के तहत, भारत को पाकिस्तान को 6 महीने पहले नोटिस देना होता था, लेकिन अब भारत ने इसे स्थगित करने का फैसला लिया है।
भारत के पांच बड़े फैसले
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद कई कड़े फैसले लिए हैं:
- सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया जाएगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को नहीं त्यागता।
- अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा, और पाकिस्तान से जो लोग सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले वापस लौटने का समय दिया जाएगा।
- पाकिस्तानी नागरिकों को एसवीईएस वीजा (सार्क वीजा छूट योजना) के तहत भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- नई दिल्ली में पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाएगा, और उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा।
- दोनों देशों के उच्चायोगों में पदों की संख्या को घटाकर 30 कर दिया जाएगा, और यह संख्या 1 मई 2025 तक और कम कर दी जाएगी।