Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए हमले के बाद, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने जिपलाइन ऑपरेटर से पूछताछ करने का निर्णय लिया है। यह कदम चश्मदीद गवाह ऋषि भट्ट के बयान के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि जिपलाइन ऑपरेटर ने गोली की आवाज सुनने के बाद एक इस्लामिक नारा लगाया था और फिर उसे जिपलाइन पर भेज दिया था। एनआईए और जम्मू कश्मीर पुलिस अब इस मामले में ऑपरेटर से पूछताछ कर रही हैं, ताकि इस घटना की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
ऋषि भट्ट का बयान- Pahalgam Terror Attack
आजतक से बातचीत करते हुए ऋषि भट्ट ने घटनास्थल पर जो कुछ देखा, उसे विस्तार से साझा किया। उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि 4 से 5 आतंकी धर्म पूछकर लोगों को गोली से मार रहे थे। जब मैं जिपलाइन पर था, तो ऑपरेटर ने पहले सामान्य व्यवहार किया था। लेकिन जैसे ही नीचे से फायरिंग की आवाज आई, उसने अचानक ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाना शुरू कर दिया और मुझे जिपलाइन पर आगे भेज दिया।”
Zipline operator seen in viral video who was chanting Allahu Akbar and looked like intentionally sending tourist between terrorist attacks has been detained by security forces for questioning in Pahalgam terror attack probe. pic.twitter.com/r5PUSztI01
— Baba Banaras™ (@RealBababanaras) April 28, 2025
ऋषि भट्ट के इस बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर जिपलाइन ऑपरेटर के आचरण को लेकर। उनका कहना था कि जब उन्हें गोली की आवाज सुनाई दी, तो ऑपरेटर का व्यवहार बदल गया, और वह अचानक धार्मिक नारा लगाने लगा। यह घटना उस समय की है जब पहलगाम इलाके में आतंकियों द्वारा हमला किया गया था, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है।
एनआईए और जम्मू कश्मीर पुलिस की जांच
ऋषि भट्ट के बयान के बाद, एनआईए ने जिपलाइन ऑपरेटर से पूछताछ करने का निर्णय लिया है। एनआईए और जम्मू कश्मीर पुलिस का उद्देश्य इस बात का पता लगाना है कि ऑपरेटर ने क्या सचमुच इस्लामिक नारा लगाया था और क्या वह हमले से संबंधित किसी संदिग्ध गतिविधि में शामिल था। यह पूछताछ घटना के पीछे के असल कारणों और इसके संभावित निहितार्थ को उजागर करने में मदद कर सकती है। एनआईए के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में सभी पहलुओं की गहरी जांच की जाएगी ताकि सच्चाई सामने आ सके।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की बेचैनी
इस हमले के बाद पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है, खासकर इस बात को लेकर कि भारत क्या कदम उठाएगा। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से सैन्य तैयारियों के बारे में जानकारी ली और इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। इसके अलावा, भारत ने फ्रांस से राफेल मरीन विमानों का सौदा भी किया है और नौसेना ने INS विक्रांत फ्लीट को अरब सागर में उतारा है, जिससे पाकिस्तान में चिंता बढ़ गई है।
सिंधु जल समझौता और पाकिस्तान की चिंता
भारत ने पहलगाम हमले के बाद 1960 के सिंधु जल समझौते को स्थगित करने की बात की, जिससे पाकिस्तान में और भी चिंता बढ़ गई है। सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु और उससे जुड़ी पश्चिमी नदियों (झेलम और चिनाब) पर नियंत्रण मिला था, जबकि भारत को पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) पर अधिकार था। अब भारत इन पश्चिमी नदियों पर बने बांधों और प्रोजेक्ट्स के माध्यम से पानी के बहाव को नियंत्रित कर सकता है, जिससे पाकिस्तान को पानी की भारी कमी और सूखे का खतरा महसूस हो रहा है। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है, क्योंकि उनका अधिकांश कृषि और जल संसाधन इन नदियों पर निर्भर करता है।
हमले की शुरुआत और ऋषि भट्ट का अनुभव
ऋषि भट्ट ने आजतक से बातचीत करते हुए बताया कि उन्हें हमले के बारे में कोई पूर्व सूचना नहीं थी। वह मस्ती के लिए वीडियो बना रहे थे, जब अचानक गोली की आवाज सुनाई दी। यह फायरिंग लगभग ढाई बजे हुई, और इसके बाद ही उन्होंने देखा कि आतंकी गांववालों को गोली मार रहे थे। यह दृश्य उनके लिए बहुत भयावह था और उन्होंने तत्काल घटनास्थल से बचने की कोशिश की।