अब्दुल्ला कैबिनेट (Abdullah cabinet) ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा (Jammu Kashmir full statehood status) बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया था, जिस पर उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने अपनी मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव अब केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। जम्मू-कश्मीर कैबिनेट ने प्रधानमंत्री और केंद्र को जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के मामले पर प्रधानमंत्री से बातचीत करने के लिए अधिकृत किया है। इस संबंध में उमर अब्दुल्ला दिल्ली जाकर केंद्र से चर्चा करेंगे। अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में है। यह देखना अहम होगा कि उमर अब्दुल्ला कैबिनेट द्वारा पारित पूर्ण राज्य के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार का क्या रुख रहता है?
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उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) की कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव लाया गया लेकिन इसमें अनुच्छेद 370 (Jammu Kashmir Article 370) और 35ए का कोई जिक्र नहीं हुआ। आपको बता दें कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था और लद्दाख के क्षेत्र को इससे अलग कर दिया गया था और इसे भी एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।
जम्मू-कश्मीर को कैसे मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा- Jammu Kashmir full statehood status
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कई संवैधानिक और कानूनी प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रक्रिया में राज्य, संघीय और संसदीय सरकारें सभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आइये आपको बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कैसे मिलेगा।
राज्य सरकार ने शुरुआती कदम उठा लिया है। उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट ने राज्य को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस विचार को अपनी मंजूरी दे दी है। अब इस विचार को राष्ट्रीय सरकार के पास भेजा जाएगा।
इस प्रक्रिया में केंद्र की भूमिका
यह सुझाव अब राष्ट्रीय सरकार को गहन चर्चा के लिए भेजा जाएगा। इस विचार की समीक्षा केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी, जो तब तय करेगी कि इसे संसद में पेश किया जाए या नहीं। जब राष्ट्रीय सरकार संसद में प्रस्ताव पेश करेगी, तो प्रस्ताव की जांच की जाएगी और लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों में मतदान के लिए रखा जाएगा। बहुमत का समर्थन मिलने के बाद प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
सविन्धन संसोधन की ज़रूरत
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए भारतीय संविधान में कुछ संशोधन करने होंगे। फिलहाल जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है जिसे 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह दर्जा मिला है। इसे वापस पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 3 और 4 के तहत बदलाव करने होंगे, ताकि इसके राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचे में बदलाव किया जा सके।
राष्ट्रपति की मुहर से ही जम्मू-कश्मीर बनेगा पूर्ण राज्य
संसद द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद राष्ट्रपति इसे मंजूरी देंगे। राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद आवश्यक संवैधानिक सुधार प्रभावी हो जाएंगे और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा।