UP: चुनाव से ठीक पहले 39 जातियों को ओबीसी में शामिल कराने की तैयारी, क्या हैं इसके मायने?

UP: चुनाव से ठीक पहले 39 जातियों को ओबीसी में शामिल कराने की तैयारी, क्या हैं इसके मायने?

आने वाले कुछ ही महीनों देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें से 4 राज्यों में बीजेपी की सरकार है, जबकि 1 राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार चल रही है। इसी बीच केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा और राज्यसभा में ओबीसी आरक्षण संशोधन बिल 2021 पास कर दिया गया है। 

लोकसभा में बीते मंगलवार को यह बिल बहुमत से मंजूर हुआ। इसके पक्ष में 385 वोट पड़े। वहीं, राज्यसभा में बीते दिन गुरुवार को यह बिल पास हो गया। सरकार के इस कदम को आगामी चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। बीजेपी शासित यूपी में तो राजनीतिक दलों की पैंतरेबाजी भी शुरु हो गई है। चुनाव से ठीक पहले 39 जातियों को ओबीसी में शामिल कराने की तैयारी

खबरों की मानें तो योगी सरकार राज्य के 39 जातियों को ओबीसी में शामिल करने वाली है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सर्वेक्षण रिपोर्ट के साथ योगी सरकार से सिफारिश करने का फैसला लिया है। चुनाव से ठीक पहले आयोग की ओर से उठाई जा रही इस कदम पर कई तरह के सवाल उठ रहे है।

ओबीसी पर टिकी है बीजेपी की नजर

दरअसल, संसद में ओबीसी संशोधन बिल पास होने के बाद अब राज्यों के पास ओबीसी लिस्ट में शामिल करने का अधिकार हो गया है। यूपी में मुस्लिम-यादव के साथ-साथ सवर्ण-दलित-मुस्लिम समीकरण भी प्रदेश की सियासत को प्रभावित करते आए है। लेकिन डर यह भी है कि आरक्षण का लाभ पाने वाली पिछड़ी जातियां की संख्या बढ़ने से सियासी महत्वकांक्षाओं का टकराव भी बढ़ेगा। 

वहीं, दूसरी ओर राज्य की योगी सरकार इन जातियों को बीजेपी में शामिल कर उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिशों में लगी है। यूपी में ओबीसी की वोटबैंक पर बीजेपी की नजर टिकी हुई है। क्योंकि आगमी चुनाव के लिए अन्य राजनीतिक पार्टियां अभी से ही ब्राह्मण समुदाय को लुभाने की कोशिशों में लग गई है, ऐसे में इसे बीजेपी के लिए प्लस प्वाइंट के तौर पर देखा जा रहा है। आने वाले कुछ ही समय में योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है।

यूपी में है 36-38 फीसदी ओबीसी मतदाता

ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 39 जातियों को ओबीसी में शामिल करने के साथ-साथ अपने मंत्रिमंडल विस्तार में ओबीसी समुदाय के ज्यादातर नेताओं को मंत्री पद दे सकते हैं। यूपी में लगभग 36-38 प्रतिशत ओबीसी मतदाता हैं। 

यूपी में बीजेपी और सपा के बीच ओबीसी वोट बैंक को लेकर लड़ाई है यूपी में ओबीसी वोटबैंक अलग अलग जातियों में बंटा है। ऐसे में बीजेपी इन जातियों को ओबीसी में शामिल कर एक तीर से दो निशाने करने की फिराक में है।

इन पार्टियों को ओबीसी में शामिल कराएगी योगी सरकार

बताते चले कि यूपी में वैश्य, जायस्वर राजपूत, भूटिया, रूहेला, अग्रहरि, दोसर, मुस्लिम शाह, मुस्लिक कायस्थ, हिंदू कायस्थ, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य, बरनवाल, कमलापुरी वैश्य, केसरवानी वैश्य, बगवां, भट्ट, उमर बनिया, महौर वैश्य, हिंदू भाट, गोरिया, बॉट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना, मुस्लिम भट समुदायों को ओबीसी में शामिल किया जा सकता है। 

जबकि खार राजपूत, पोरवाल, विश्नोई, पुरुवर, कुंदर खराड़ी, बिनौधिया वैश्य, माननीय वैश्य, गुलहरे वैश्य, गढ़ैया, राधेड़ी, पिठबाज समुदाय को सर्वे के बाद ओबीसी में शामिल किया जा सकता है। 

बीजेपी ने थोक में जातियों को ओबीसी में शामिल कर आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मास्टर स्ट्रोक खेला है। ऐसे में आने वाले समय में स्थिति क्या होगी इस पर सभी की नजरें टिकी हुई है। 

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