कोरोना महामारी के भयंकर कहर के बीच देश में वैक्सीनेशन का जोरों-शोरों पर जारी है। देश में अभी कोरोना की दो वैक्सीन- कोवैक्सीन और कोविशील्ड दी जा रही है। 18 से ऊपर के लोगों को वैक्सीने लगाई जा रही है।
वैक्सीनेशन के इस महाअभियान के बीच कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज में गैप बढ़ाने की सिफारिश दी जा रही है। टीकाकरण के लिए बनाई गई राष्ट्रीय तकनीकी सलाहाकर समूह (NTIGI) ने कोविशील्ड की दो डोज के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सलाह दी गई है।
कांग्रेस ने पूछा सरकार से इस पर सवाल
कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज में गैप बढ़ाने की सिफारिश क्यों की जा रही है, इस पर अब सवाल भी उठने लगे हैं। कांग्रेस की तरफ से पूछा गया कि क्या वैक्सीन का स्टॉक नहीं होने की वजह से ऐसी सलाहें दी जा रही है?
‘सरकार से पारदर्शिता की उम्मीद कर सकते है?’
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को इस पर एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ‘पहले दूसरी डोज में 4 हफ्तों का गैप था। फिर इसे बढ़ाकर 6-8 हफ्ते किया गया। अब 12-16 हफ्ते बताया जा रहा है। क्या ये इसलिए है क्योंकि हमारे पास जो वैक्सीन के योग्य हैं, उनके लिए पर्याप्त स्टॉक नहीं या फिर प्रोफेशनल वैज्ञानिक ऐसा कहते हैं? क्या हम मोदी सरकार से कुछ पारदर्शिता की उम्मीद कर सकते हैं?
गैप बढ़ाने के अलावा ये सुझाव भी दिए गए
गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन कोविशील्ड की दूसरी डोज फिलहाल 6 से 8 हफ्तों के बीच में दी जा रही है। लेकिन अब इस गैप को बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सलाह सरकारी समिति ने दी। पैनल ने कोवैक्सीन को लेकर कोई सलाह नहीं दी, ये सिर्फ कोविशील्ड के लिए कहा गया है।
दरअसल, एक नई स्टडी में ये बात सामने आई है कि अगर वैक्सीन की दूसरी डोज देरी से दी जाए, तो इससे संक्रमण की वजह से मौत कम होगीं। ये बात 65 से कम उम्र के लोगों के लिए कही गई। हालांकि ये भी कहा गया कि अगर परिस्थितियां अनुकूल हुईं तभी ये काम किया जा सकता है।
कोविशील्ड वैक्सीन के गैप को बढ़ाने के अलावा NTIGI ने कोरोना से रिकवर होने के 6 महीनों बाद ही वैक्सीन लगवाने की सलाह दी। इसके अलावा ये भी सुझाव दिया गया कि गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद किसी भी समय टीका लगवा सकती हैं।