गाजियाबाद के 400 से अधिक किसानों को नोटिस मिला है और ये नोटिस उन्हें सहकारी विभाग से लोन लेकर लंबे समय तक जमा करने के बाद दिया है. वहीं किसानों को भेजे गए 92 ख के नोटिस के अनुसार, यदि जल्द इन किसानों ने लोन नहीं चुकाया तो सहकारी विभाग उनकी भूमि की कुर्की करा सकता है.
जानिए क्या है मामला
दरअसल, सहकारी विभाग किसानों को जरूरत पड़ने पर लोन देता है और बैंकों की तुलना में सहकारी विभाग में लोन जल्दी मिलता और ब्याज दरें भी कम होती हैं. वहीं अभी के समय में जिले के पांच हजार से अधिक किसानों पर सहकारी विभाग के करीब 12 करोड़ रकम बकाया है. बकाया रकम की वसूली के लिए सहकारी विभाग बीते कुछ महीने से वसूली अभियान चलाया जा रहा है.
अभियान के तहत एकमुश्त जमा करने पर ब्याज पर राहत देने के साथ ही मृतक किसानों के परिजनों को आंशिक राहत के प्रावधान किए जा रहे हैं. वहीं विभाग की ओर कई बार अपील करने के बाद भी कई किसान ऐसे हैं जो कि अपने लोन का भुगतान नहीं कर रहे हैं. ऐसे 422 किसानों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सहकारी विभाग ने उनको 92 ख के नोटिस भेजे हैं.
वहीं इस उनको 92 ख के नोटिस के अनुसार, यदि किसानों ने जल्द ही अपने लोन का भुगतान नहीं किया तो उनकी भूमि की कुर्की की जा सकती है . इस संबंध में जिलाधिकारी अध्यक्षता वाली समिति कार्रवाई करेगी.
किसानों ने लगाया विभाग पर आरोप
वहीँ नोटिस मिलने पर किसान नेता अमरजीत बिड्डी का कहना है कि गन्ना भुगतान न मिलने, आवारा पशुओं के द्वारा फसल बर्बाद करने और दूसरे अन्य कारणों के चलते क्षेत्र के किसान बीते कई वर्षों से आर्थिक समस्याओं जूझ रहे हैं.ऐसे में सहकारिता विभाग नोटिस भेजकर किसानों की भूमि नीलाम करने की तैयारी कर रह है. यदि किसानों की भूमि नीलाम कर दी गई तो उनके व परिवार के सामने संकट पैदा हो जाएगा. सहकारिता विभाग की उपायुक्त श्रद्धा अनंग ने कहा, ‘लोन का भुगतान करने के लिए किसानों से कई बार अपील की गई. अब किसानों को नोटिस भेजे गए हैं. इस संबंध में जल्द कार्रवाई की जाएगी.’
विभाग ने अलग-अलग क्षेत्र में किसानों को नोटिस भेजे हैं. जिसमें मोदीनगर क्षेत्र में 172,लोनी में 152,सदर में 115 किसानों को 92 ख के नोटिस भेजे गए हैं.
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