देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच वैक्सीनेशन का काम भी स्पीड में चल रहा है। एक अप्रैल से 45+ के लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगनी शुरू हो गई। रोजाना बड़ी संख्या में लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा रही, जिससे इस संक्रमण से जल्द से जल्द छुटकारा पाया जा सके। लेकिन इसी बीच वैक्सीन को लेकर कुछ लोग कई तरह के भ्रम है, जिसकी वजह से वो इसे लगवाने से थोड़ा डर रहे हैं।
वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए अनूठी पहल
कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों को जागरूक करने और उनके भ्रम को दूर करने की कोशिश की जा रही है। ये प्रयास जारी है कि बड़ी संख्या में लोग आगे आकर इसे लगवाएं। वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए गुजरात के एक शहर में बेहद ही अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है। वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को गिफ्ट के तौर पर गोल्ड की नोस पिन तक गिफ्ट की जा रही है।
राजकोट का है मामला
ये मामला है गुजरात के राजकोट का। राजकोट के स्वर्णकार समुदाय ने इस अनूठी पहल की शुरुआत की। इनकी तरफ से राजकोट में कोरोना टीकाकरण के लिए कैंप लगाए गए। जो भी लोग इन कैंप में आकर वैक्सीन लगवा रहा है, उनका स्वागत किया जा रहा है। साथ में उन लोगों को गिफ्ट दिया जा रहा हैं। जहां वैक्सीन लगवाने वाली महिलाओं को गिफ्ट के तौर पर नोस पिन, तो वहीं पुरुषों को हैंड ब्लैंडर दिया जा रहा है। गिफ्ट पाकर लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं। राजकोट का वैक्सीन लगवाने पर गिफ्ट देने का ये मामला काफी चर्चाओं में बना गया है।
खतरनाक रूप में लौटा कोरोना
गौरतलब है कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का साया छाया हुआ है। ये लहर पहले से भी ज्यादा खतरनाक लग रही है। फरवरी में जहां कोरोना वायरस के मामले काफी निचले स्तर पर चले गए थे। वहीं आज एक दिन में 93 हजार से भी ज्यादा लोग वायरस की चपेट में आए, जबकि 500 से अधिक लोगों ने दम तोड़ा। जिस स्पीड से मामले बढ़ रहे हैं, उससे ये संभावना जताई जा रही है कि आगे आने वाले समय मे ये सभी पुराने रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं।
वहीं गुजरात में भी कोरोना संक्रमण की इस भयंकर लहर का असर देखने को मिल रहा है। यहां भी तेजी से मामले बढ़ते दिख रहे हैं। गुजरात में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 2815 नए केस सामने आए, जबकि 13 लोगों ने इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवाई। ये बीते 113 दिनों का सबसे अधिक आंकड़ा रहा। गुजरात के अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिले हैं। राज्य के दो तिहाई मामले केवल इन जिलों से ही सामने आ रहे हैं।