Noida News: नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को एक अनोखा और सख्त कदम उठाया, जब उन्होंने अपने कर्मचारियों को 30 मिनट तक खड़े रहने की सजा दी। यह कार्रवाई उस समय की गई जब एक बुजुर्ग दंपत्ति को अपनी फाइल पास कराने के लिए कई घंटों तक दफ्तर के एक डेस्क से दूसरी डेस्क पर दौड़ना पड़ा, लेकिन उनके काम में कोई प्रगति नहीं हुई। सीईओ ने इस पर सख्त रुख अपनाया और तुरंत कर्मचारियों को खड़ा होने की सजा दी। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है, और इस पर बहस छिड़ गई है।
बुजुर्ग दंपत्ति की दुर्दशा और सीईओ की कार्रवाई- Noida News
मंगलवार को जब बुजुर्ग दंपत्ति नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पहुंचे (Noida Authority Punishment), तो उनका काम निपटाने में घंटों की मशक्कत हो गई। वे एक डेस्क से दूसरी डेस्क पर जाते रहे, लेकिन कोई भी अधिकारी उनकी मदद करने को तैयार नहीं था। दंपत्ति को बार-बार चक्कर लगाने पड़े, लेकिन उनके मुद्दे पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
नोएडा अथॉरिटी में एक बुजुर्ग दंपति फाइल पास कराने के लिए भटक रहे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही थी।
CEO ने ये देख सभी कर्मचारियों को 30 मिनट तक खड़े होकर काम करने की सजा सुनाई !! pic.twitter.com/yUgMZlu4xE
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) December 17, 2024
सीईओ रितु माहेश्वरी जब दफ्तर के निरीक्षण के लिए पहुंचीं, तो उन्होंने दंपत्ति की स्थिति देखी और तुरंत कर्मचारियों से इस लापरवाही का कारण पूछा। लेकिन जब कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो सीईओ ने कर्मचारियों से कहा कि वे सभी 30 मिनट तक खड़े रहें। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकारी दफ्तरों में लोगों को त्वरित और सम्मानजनक सेवाएं मिलनी चाहिए और इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीईओ का उद्देश्य: जवाबदेही और सुधार
रितु माहेश्वरी का यह कदम सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने और ढिलाई की संस्कृति पर प्रहार करने के उद्देश्य से था। उनका मानना है कि सरकारी कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए और जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इस घटना के बाद सीईओ ने कर्मचारियों से सीधी बात की और उन्हें समझाया कि उन्हें जनता के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। उनका कहना था कि सरकारी दफ्तरों में कामकाज की स्थिति को सुधारने के लिए ऐसे कदम जरूरी हैं, ताकि लोगों को बिना किसी परेशानी के सेवाएं मिल सकें।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और बहस
सीईओ द्वारा कर्मचारियों को खड़ा करने का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों के बीच बहस शुरू हो गई। कुछ ने इस कदम की सराहना की और इसे सरकारी दफ्तरों में अनुशासन और सुधार की दिशा में एक जरूरी कदम बताया। उनका कहना था कि इस तरह की सजा कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारी समझाने में मदद करेगी।
वहीं, कुछ लोगों ने इसे अत्यधिक सख्ती और अनुचित सजा करार दिया। उनका कहना था कि कर्मचारियों को समझाने के लिए और भी बेहतर तरीके हो सकते थे, बजाय इसके कि उन्हें खड़ा किया जाए।
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