यमुना हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण के संबंध में नोएडा प्राधिकरण द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जा रही है। नोएडा प्राधिकरण की इस कार्यवाही से कुचित होकर पक्षकारों द्वारा इलाहबाद के हाई कोर्ट में विभिन्न रिट पीटिशन दायर की गई है।
दरअसल, यमुना हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए नोएडा प्राधिकरण का बुलडोजर फिर से गरज रहा है। ऐसे में इन दिनों नोएडा प्राधिकरण की कार्यवाही जारी है। इस बड़ी कार्यवाही से परेशान होकर पक्षकारों द्वारा इलाहबाद के उच्च न्यायालय में विभिन्न याचिकाएं दायर की गई है। ये याचिका नोएडा प्राधिकरण की कार्यवाही के खिलाफ दायर की गई है।
गौरतलब है कि 11 अगस्त 2022 को हाई कोर्ट (10+10) के आदेश के अनुपालन में डीएम जीबी नगर द्वारा आदेश जारी किया गया है। इसमें डीपीएल फ्लोरा प्रतिनिधि, हरित कल्याण सदस्य आदि शामिल हैं। ऐसे में इलाहाबाद के उच्च न्यायालय में भी रिट याचिका दायर किया गया है।
18 आवेदकों ने रिट याचिका की दायर
मालूम हो कि न्यायालय द्वारा पारित उक्त आदेश के क्रम में पक्षकारों द्वारा प्राधिकरण एवं अन्य को प्रत्यवेदन प्रस्तुत किये गये जो प्राधिकरण द्वारा जिलाधिकारी को भेजा गया है। उक्त 44 प्रतिवेदन एवं पत्र सं. नोएडा भूलेख 2022 1908, 12 अगस्त 2022 उक्त 06 अभ्यावेदन पेश किए गए, जिसमें मूल रूप से कुल 18 आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए थे।
न्यायालय द्वारा पारित आदेश की प्रकिया में पक्षकारों द्वारा प्राधिकरण और अन्य को प्रत्यावेदन प्रस्तुत किये, जो प्राधिकरण द्वारा जिलाधिकारी महोदय को भेज दिए गए है। नवीन औखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पत्र में कथित 44 प्रत्यावेदन में कथित 06 प्रत्यावेदन प्रस्तुत किये गये, जो मूल रूप से कुल 18 प्रत्यावेदको द्वारा पेश किए गए है।
अवैध अतिक्रमण पर जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने कहा था
डूब क्षेत्र में हुए और हो रहे अवैध अतिक्रमणों के बारे में पूर्व में भी विभिन्न स्तरों यथा जिला आपदा प्रबन्धक प्राधिकरण, शासन तथा विभिन्न न्यायालयों द्वारा अवैध अतिक्रमण के विरुद विचार करते हुए मार्गदर्शी सिद्धान्त स्थापित किये गये है। जनपद गौतमबुद्धनगर में नौएडा / ग्रेटर नौएडा / यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र के अन्तर्गत तथा यमुना एवं हिण्डन नदियों के डूब क्षेत्र (Flood Plain Zone) में प्राधिकरणों की अनुमति एवं मानचित्र स्वीकृत कराये बिना बड़े पैमाने पर हो रहे अन्धाधुंध अवैध एव अनाधिकृत बहुमंजिले भवन / कॉलोनाईजेशन / प्लाटिंग के दृष्टिगत पूर्व में घटित मानवजनित आपदाओं एवं भविष्य में सम्भावित मानव / प्राकृतिक जनित आपदाओं की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 की धारा-25 में दिये गये प्राविधानों के क्रम में जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा पहले भी कई विचार बताए गए।
गौरतलब है कि अवैध निर्माणों को गिराने और नियंत्रित करने के लिए यूपी औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम, 1976 की धारा 2 (घ). 2 (छ). 9 (1) 10 में निम्नवत प्राविधान किया गया है 2(घ)- आद्योगिक विकास क्षेत्र का तात्पर्य उस क्षेत्र से है, जिसे राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा भवनों के परिनिर्माण और उद्योगों की स्थापना को विनियमित करना 9(1)- कोई व्यक्ति, उपधारा (2) के अधीन बनाये गये किसी भवन सम्बन्धी विनियम का उल्लंघन करके औद्योगिक विकास क्षेत्र में किसी वन का परिनिर्माण या अध्यासन नहीं करना ऐसा क्षेत्र घोषित करें।
नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की सूचना
जैसा कि अवगत है कि नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना 8 जून 2022 में सर्व साधारण को सूचित किया गया कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 1976 के सुसंगत प्राविधानों के अनुसार नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में प्राधिकरण की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी निर्माण कार्य करना मान्य नहीं है। ऐसे में अगर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित डूब क्षेत्र में कोई निर्माण किया गया है तो तत्काल स्वयं हटा लें नहीं तो नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र में अनाधिकृत निर्माण पाये जाने पर उसे तुरंत ध्वस्त कर दिया जायेगा।
नोएडा प्राधिकरण ने दी थी चेतावनी
बता दें कि यमुना नदी के डूब क्षेत्र में संचालित होने वाले अवैध फार्म हाउसों को ध्वस्त करने के लिए नोएडा प्राधिकरण का बुलडोजर चल रहा है। इससे पहले अधिकारियों ने पहले ही चेतावनी देते हुए कहा था कि जिन फार्म हाउस मालिकों की आपत्तियों का निस्तारण नोएडा प्राधिकरण द्वारा कर दिया गया है। वह सभी खुद से अवैध निर्माण का ध्वस्त कर लें, अन्यथा प्राधिकरण कार्रवाई करेगा। इस पर जो खर्च होगा, वह फार्म हाउस संचालकों से वसूला जाएगा।