मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार के बाद उत्तर प्रदेश में रार छिड़ गई हैं। दरअसल, कैबिनेट में यूपी से 7 सांसदों को जगह मिलीं, जिसमें अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी शामिल थीं। लेकिन निषाद समाज को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई, जिसको लेकर वो गुस्से में हैं। इसको लेकर बीजेपी पर निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद ने तंज कसते कहा कि दगाबाज सरकारों का दर्द दिल में हैं, दिल मुश्किल में हैं।
अनुप्रिया पटेल को जगह मिलने पर सवाल
संजय निषाद ने मंत्रिमंडल में अपने बेटे प्रवीण निषाद को जगह नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रवीण मेरे बेटे जरूर हैं, लेकिन वो बीजेपी के सांसद हैं। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए मंत्रिमंडल में जगह जरूर देनी थी। अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में जगह दी गई, जिनका प्रभाव कुछ ही सीटों पर हैं। तो 160 सीटों पर असर रखने वाले निषाद समाज के बेटे को भी मौका मिलना चाहिए था। आपको बता दें कि प्रवीण निषाद यूपी के संतकबीर नगर से बीजेपी के सांसद हैं।
‘…तो 2022 चुनावों में चुकानी पड़ेगी कीमत’
वो बोले कि बीजेपी से पहले ही निषाद समाज कटा हुआ नजर आ रहा है। बीजेपी अपनी अगर गलती नहीं सुधारेगी, तो इसकी कीमत 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान चुकानी पड़ सकती है। उन्होंने आगे कहा कि 18 फीसदी वाले निषाद समाज को फिर से धोखा मिला। वहीं 4-5 फीसदी वालों को तवज्जो दी गई।
वहीं आगे उन्होंने अपना दल की अनुप्रिया पटेल पर भी निशाना साधा, जिनको मोदी कैबिनेट में जगह दी गई हैं। संजय निषाद ने कहा कि जो लोग जिला पंचायत अध्यक्ष में भी अपनी सीट नहीं दिला पाए। जिन्होंने बीजेपी को हराने का काम किया, उनको तरजीह मिल रही है। वहीं निषाद समाज ने एकमुश्त वोट देकर यूपी और केंद्र में बीजेपी की सरकार बनाई है, उनको नहीं।
संजय निषाद ने कहा कि हम फिलहाल बीजेपी के साथ ही हैं, लेकिन अगर ऐसी ही पार्टी निषादों को नजरअंदाज करती रही, तो आगे हमें अपनी रणनीति पर दोबारा से विचार करने की जरूरत पड़ सकती है।