निकिता तोमर हत्याकांड (Nikita Tomar case) मामले में आज फरीदाबाद की फास्टट्रैक कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। दोषी करार दिए गए तौसीफ और रेहान को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इन दोनों को 24 मार्च को निकिता की हत्या का दोषी ठहराया था। हत्या के 151 दिनों बाद आज कोर्ट ने आखिरकार फैसला सुना दिया।
आज शुक्रवार सुबह दोषी तौसीफ और रेहान को फरीदाबाद कोर्ट में लाया गया। जिसके बाद सजा पर बहस पूरी हुई। बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने फांसी की सजा की मांग की और मामले को गंभीर श्रेणी में लिए जाने की अपील की।
वहीं, दूसरी ओर बचाव पक्ष ने कहा है कि दोषी मेडिकल का छात्र है और पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में इसे ध्यान में रखकर ही सजा दी जाए।
दोषी करार देने वाले जज का ट्रांसफर
दरअसल, बुधवार 24 मार्च को निकिता तोमर (Nikita Tomar) हत्याकांड में तौसीफ और रेहान को दोषी करार दिया गया था। उस दिन सुनवाई के दौरान वे समझ ही नहीं सके कि गिल्टी होल्ड करने का मतलब क्या होता है।
उन्हें लग रहा था कि दोषी करार देने के कुछ ही मिनटों में जज अपना फैसला सुना देंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान तौसीफ और रेहान को कट्टा उपलब्ध कराने वाला अजरुद्दीन बेहोश हो गया था।
जिसके कुछ ही देर बाद मामले की सुनवाई कर रहे न्यायधीश सरताज बासवाना ने सजा पर फैसले के लिए सुनवाई की अंतिम तारीख 26 मार्च को मुकर्रर कर दी थी। सजा पर फैसले की तारीख मुकर्रर करने वाले जज का तबादला गुरुवार देर शाम फरीदाबाद कोर्ट से रेवाड़ी कोर्ट हो गया। जिसे लेकर लगातार सवाल भी उठ रहे हैं।
अक्टूबर 2020 में हुई थी हत्या
बता दें, 26 अक्टूबर 2020 में फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में निकिता तोमर की कॉलेज के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरु हुआ था। बताया जा रहा है कि इस मामले में कुल 55 गवाह पेश किए गए।
निकिता की हत्या में तीन लोग आरोपी थे जिसमें तौसीफ, रेहान और अजरुद्दीन शामिल थे। कोर्ट ने आरोपी अजरुद्दीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। तो वहीं, रेहान और तौसीफ दोषी करार दिए गए और आज उन्हें सजा हो गई।
गौरतलब है कि निकिता तोमर हत्याकांड की वारदात के दिन ही पुलिस ने रेहान और तौसीफ को पकड़ लिया था। जिसके बाद रिमांड पर लेकर सबूत जुटाए गए और कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।