इस बात पर बहस हमेशा से चली आ रही है कि क्या मदरसों में आधुनिक शिक्षा दी जानी चाहिए या नहीं? लेकिन अब इस तरह की तमाम तरह की बहस पर फुलस्टॉप लग चुका है क्योंकि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से एक अहम फैसला लिया गया है।
दरअसल योगी सरकार ने अहम फैला लिया जिससे मदरसों की पढ़ाई को आधुनिक बनाया जा सके। इसके तहत उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद यानी की UP Madarsa Syllabus में इतिहास, नागरिक शास्त्र, गणित और विज्ञान की भी पढ़ाई को जरूरी कर दिया गया है।
मदरसों में अब जरूरी कर दिया गया है कि कक्षा 1 से 12 तक हर एक कक्षाओं में इन सारी विषयों की पढ़ाई होगी और अगले शैक्षणिक सत्र से तो इसको लागू भी कर देंगे। असल में अभी तक मदरसों में जो पढ़ाई होती थी उसमें उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी ही जरूरी हुआ करती थी, लेकिन नए विषयों के जुड़ने पर कुल 7 सब्जेक्ट जरूरी होगा।
मदरसा बोर्ड CBSW के सिलेबस के हिसाब से ही NCERT की बुक्स से पढ़ाई करवाएगा। 12 अक्टूबर को जो नवगठित उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की जो पहली दफा वाली मीटिंग हुई उसमें कई कई तरह के अहम फैसले लिए गए और कई प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में ये मीटिंग हुई थी, जिसमें फैसला हुआ कि भारत का इतिहास, नागरिक शास्त्र, तहतानिया (प्राइमरी), फौकानिया (जूनियर हाईस्कूल), मुंशी/मौलवी (हाईस्कूल) और आलिम (इंटरमीडिएट) इसके अलावा प्रारंभिक गणित विषय जरूरी तौर पर पढ़ाया जाएगा।
मदरसों में ये विषय अब तक बस ऑप्शनल थे। 25 से 30 अक्टूबर तक कामिल यानी स्नातक और फाजिल परास्नातक के इग्जाम्स कराने का फैसला किया गया इस मीटिंग में। इस मीटिंग में एक और अहम फैसला लिया गया और वो ये कि काम ऑनलाइन होगा। मदरसा बोर्ड के काम में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए और लेटेस्ट बनाने के लिए बोर्ड के हर काम को ऑनलाइन किया जाएगा। इसके तहत एक आईटी सेल बनाया जाएगा और तो और मदरसा बोर्ड के पुराने रिकॉर्ड को भी इस ऑनलाइन काम करने के प्रॉसेस के तहत डिजिटाइज्ड किया जाएगा।
लिहाजा मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों और बच्चियों को छोटे कामों के लिए बार बार मदरसा बोर्ड नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा सुविधाएं ऑनलाइन हो जाएंगी। योजना तो ये भी है कि काम के ऑनलाइन हो जाने के बाद आने वाले समय में ई-ऑफिस भी शुरू कर दिया जाएगा।