एक भारत रत्न का नाम हटाकर दूसरे भारत रत्न का नाम रखना सही नहीं: नवाब मलिक

एक भारत रत्न का नाम हटाकर दूसरे भारत रत्न का नाम रखना सही नहीं: नवाब मलिक

देश के कई राज्यों में इन दिनों ऐतिहासिक स्थल, शहर, स्टेशन समेत कई नामों को बदला जा रहा है। बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश के बाद अब बीजेपी शासित हरियाणा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। पिछले साल दिसंबर में हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद में स्थित बादशाह खान अस्पताल का नाम बदलने की अधिसूचना जारी की थी।

जिसके बाद विपक्ष ने इसका विरोध भी किया था। इसी बीच महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने भी हरियाणा सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने खट्टर सरकार से इस मामले पर पुन:विचार करने का आग्रह किया है।

नवाब मलिक का बयान

महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने बीते दिन शनिवार को मुंबई में मशहूर स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान की 131 वीं जयंती के मौके पर शनिवार को मुंबई  में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा। उन्होंने कहा कि बादशाह खान और अटल बिहारी वाजपेयी दोनों ही भारत रत्न से सम्मानित है। ऐसे में एक भारत रत्न का नाम हटाकर दूसरे भारत रत्न का नाम देना उचित नहीं है।

जानें क्या है पूरा मामला?

दरअसल, हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने दिसंबर 2020 में फरीदाबाद में स्थित बादशाह खान हॉस्पिटल का नाम बदलने की अधिसूचना जारी की थी। जिसमें बादशाह खान अस्पताल का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी करने की बात कही गई थी।

नवाब मलिक (Nawab Malik) ने कहा, अंग्रेजों के खिलाफ देश में हजारों लोगों ने अपनी जानें दी। तब जाकर हमें आज का दिन दिख रहा है। इन मे सीमांत गाँधी का नाम महत्वपूर्ण है। उनके काम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हमें अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कोई आपत्ति नहीं पर ये सम्मान वाजपेयी को किसी और तरीके से भी दिया जा सकता है। मलिक ने लोगो से अपील की है की वो सब साथ आकर खट्टर  सरकार के इस फैसले का विरोध करे।

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