Nagpur Violence Update: महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर सोमवार को हुई हिंसा ने शहर को अशांति की स्थिति में डाल दिया। यह विवाद मुख्य रूप से औरंगजेब के मकबरे को ध्वस्त करने की मांग से जुड़ा था, जिसके कारण महाल और हंसपुरी इलाके में दो गुटों के बीच टकराव हुआ और हालात ने हिंसक रूप ले लिया। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। गुस्साए उपद्रवियों ने 25 से अधिक बाइक और तीन कारों को आग के हवाले कर दिया। फिलहाल, स्थिति को काबू में करने के लिए कर्फ्यू और सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं।
हिंसा का कारण: औरंगजेब की कब्र विवाद – Nagpur Violence Update
यह हिंसा औरंगजेब के मकबरे को लेकर बढ़े विवाद के बीच हुई। महाराष्ट्र में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा पहले ही औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की गई थी। इस मांग को लेकर सोमवार को नागपुर में प्रदर्शन भी हुआ था। इसके कुछ ही घंटों बाद, महाल और हंसपुरी क्षेत्रों में हिंसा भड़क उठी। महाल इलाके में उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और कई वाहनों में आग लगा दी। इसके बाद, हंसपुरी इलाके में भी वही स्थिति उत्पन्न हो गई, जहां कई दुकानों और घरों को निशाना बनाया गया। स्थानीय निवासियों ने भी बताया कि रात में औरंगजेब की कब्र के विवाद को लेकर यह हिंसा हुई और पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
#WATCH | Maharashtra: Visuals from the Mahal area of Nagpur, where a clash took place last night following a dispute between two groups. pic.twitter.com/N2GszenlwG
— ANI (@ANI) March 18, 2025
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
नागपुर पुलिस ने इस हिंसा के बाद कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह हिंसा अफवाहों की वजह से बढ़ी और इसका कारण गलतफहमी था। पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने शहर में स्थिति शांतिपूर्ण होने का दावा किया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। हालांकि, हिंसा के बाद पुलिस ने कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है और उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। नागपुर पुलिस ने कहा कि अपराधियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
Nagpur violence: Curfew imposed in several areas under Section 163 after protest over Aurangzeb’s grave
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— ANI Digital (@ani_digital) March 17, 2025
वहीं, इस मामले में अब तक 60 से 65 दंगाइयों को हिरासत में लिया गया है जबकि 25 से 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
कर्फ्यू और सुरक्षा उपाय
हिंसा के कारण नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लागू किया गया है। कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपाओली, शांति नगर जैसे इलाकों में कर्फ्यू लागू किया गया है। कर्फ्यू के दौरान, लोग बिना किसी जरूरी कारण के बाहर नहीं जा सकते हैं, लेकिन मेडिकल या इमरजेंसी स्थिति में बाहर जाने की अनुमति दी गई है। पुलिस बल और सरकारी कर्मचारियों को इस कर्फ्यू से मुक्त रखा गया है।
VIDEO | Union Minister Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) speaks on Nagpur violence. Tension gripped central Nagpur on Monday when stones were hurled at police amid rumours that the holy book of the Muslim community was burnt during an agitation by a right-wing body for the removal… pic.twitter.com/zZIfa7vjlm
— Press Trust of India (@PTI_News) March 17, 2025
हिंसा का असर और मामले की गंभीरता
हिंसा का यह सिलसिला महाल से लेकर हंसपुरी तक फैला, जिसमें कई गाड़ियां और संपत्ति को नुकसान पहुंचा। खासकर हंसपुरी इलाके में एक घंटे तक उपद्रवियों ने जमकर पथराव और तोड़फोड़ की। निवासियों का कहना था कि पुलिस देर से घटनास्थल पर पहुंची, और तब तक काफी नुकसान हो चुका था। नागपुर में स्थिति पर नियंत्रण पाना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया था, लेकिन प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा उपायों के साथ शहर में शांति बहाल करने की कोशिश की।
औरंगजेब के मकबरे पर विवाद का इतिहास
औरंगजेब का नाम हमेशा विवादों में रहा है। उनका शासन भारतीय इतिहास में विवादास्पद रहा है। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘छावा’ ने भी औरंगजेब के विषय को फिर से गरमाया। इस फिल्म के बाद से औरंगजेब की कब्र को लेकर बहस तेज हो गई, खासकर महाराष्ट्र में। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी औरंगजेब की कब्र हटाने की बात कही थी, जिसपर विरोध और समर्थन दोनों की प्रतिक्रिया सामने आई है। अब इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है और दोनों पक्षों के बीच बहस जारी है।