सोशल मीडिया पर इस वक्त गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का मामला काफी ज्यादा सुर्खियों में है। गाजियाबाद के लोनी इलाके में बुजुर्ग की बेरहमी से पिटाई की गई। यही नहीं कुछ लोगों ने मिलकर उनकी दाढ़ी भी काटी। इसके अलावा इस मामले को सांप्रदायिक एंगल देने की कोशिश हुई और बताया गया कि इस मारपीट के दौरान बुजुर्ग से जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाने की कोशिश हुईं।
तब इस मामले पर विवाद और बढ़ गया। सोशल मीडिया पर इसने तूल पकड़ना शुरू किया। लोग उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को निशाने पर लेने लगे। लेकिन अब पुलिस का इस मामले पर कहना कुछ और ही हैं। पुलिस की जांच के मुताबिक ये मामला ‘जय श्री राम’ के नारे से जुड़ा नहीं है, बल्कि बुजुर्ग के साथ मारपीट की वजह कुछ और है।
सामने आई मारपीट की वीडियो
दरअसल, हुआ कुछ यूं कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हुई। इस वीडियो में एक बुजुर्ग मुस्लिम शख्स जिनका नाम अब्दुल समद सैफी है, उनके साथ कुछ लोग जबरदस्त मारपीट करते नजर आ रहे थे। थप्पड़ों के साथ साथ डंडों से भी उनको मारा जा रहा था। इसके अलावा वीडियो में ये भी देखने को मिला कि उनकी दाढ़ी भी कैंची चलाई गई। वीडियो की ऑडियो म्यूट थीं, लेकिन बुजुर्ग शख्स ने दावा किया कि मारपीट के दौरान उनसे जबरदस्ती जय सिया राम के नारे लगवाने के प्रयास भी हुए।
बुजुर्ग ने लगाए ये आरोप
मारपीट के बाद एक समाजवादी पार्टी के नेता के साथ रोते-रोते बुजुर्ग फेसबुक पर लाइव किया। जहां उन्होंने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया था। उनकी ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। इसमें उन्होंने बताया था कि कुछ लोग एक ऑटो में बैठाकर उन्हें ले गई। एक कमरे में बंद करके उनके साथ काफी मारपीट की गई। लाठी, डंडों, लात-घूंसों सबसे मारा गया। दाढ़ी भी काटी गई। बुजुर्ग के मुताबिक वो कुल पांच लोग थे, जिन्होंने उनके साथ मारपीट की।
पुलिस की जांच में ये बात आई सामने
हालांकि जब पुलिस ने इस मामले पर जांच की, तो इसमें कुछ अलग ही बात निकलकर सामने आई। पुलिस के मुताबिक ये मामला ताबीज से जुड़ा हुआ है। दरअसल, अब्दुल ताबीज बनाने का काम करते थे। ताबीज का उल्टा असर होने की वजह से कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की। यही नहीं पुलिस ने ये भी बताया कि बुजुर्ग के साथ मारपीट करने वालों में कुछ मुस्लिम भी शामिल थे।
गाजियाबाद पुलिस की तरफ से एक बयान जारी किया गया, जिसमें बताया गया- ‘सोशल मीडिया पर बुजुर्ग के साथ मारपीट व अभद्रता के वायरल वीडियो के संबंध में जांच करने पर पाया कि पीड़ित अब्दुल समद 05 जून को बुलंदशहर से बेहटा लोनी बॉर्डर आए थे। यहां से वो किसी अन्य व्यक्ति के साथ परवेश गुज्जर के घर गए। कुछ समय में परवेश के घर पर अन्य लड़के कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल व मुशहिद आदि भी आ गए और परवेश के साथ मिलकर बुजुर्ग के साथ मारपीट शुरू कर दी।’
बयान में आगे बताया गया- ‘लड़कों के मुताबिक अब्दुल समय ताबीज बनाने का काम करते थे। उनके दिए ताबीज से उनके परिवार पर उल्टा असर हुआ, जिसके चलते उनके साथ मारपीट की गई। बुजुर्ग इन लड़कों को पहले से जानेत थे। क्योंकि अब्दुल समद ने गांव के कुछ अन्य लोगों को भी ताबीज दिए थे। मामले में परवेश की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। इसके अलावा 14 जून को दो अभियुक्तों कल्लू और आदिल को भी गिरफ्तार किया गया। दूसरे आरोपियों को भी गिरफ्तार कर मामले पर कठोर से कार्रवाई की जाएगी।’
सोशल मीडिया पर सुर्खियों में मामला
इस पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार बहस हो रही हैं। पहले जब बुजुर्ग व्यक्ति के साथ मारपीट की वीडियो सामने आई, तो लोगों का गुस्सा इस पर फूट पड़ा। लोग योगी सरकार पर हमलावर होने लगे। यही नहीं कई नेता भी इसमें कूद पड़े। इसके बाद पुलिस की जांच में दूसरा एंगल सामने आने पर दूसरा पक्ष भड़क गया और कहने लगा कि यूपी चुनाव से पहले राज्य के माहौल को खराब करने की कोशिशें की जा रही हैं। फिलहाल ये मामला सोशल मीडिया पर जबरदस्त सुर्खियों में बना हुआ है।