Murshidabad violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भारी हिंसा का माहौल बना। रविवार को हुई हिंसा में सड़कों पर जलते हुए वाहनों, लूटे गए शॉपिंग मॉल और फार्मेसी में तोड़फोड़ का दृश्य देखने को मिला। शहर के अधिकांश इलाके सुनसान रहे, दुकानें बंद थीं और लोग घरों में ही रहकर सुरक्षित रहे। पुलिस और केंद्रीय बलों के जवान मुर्शिदाबाद के संवेदनशील क्षेत्रों जैसे धूलिया, शमशेरगंज और सुती में गश्त कर रहे थे। यह हिंसा पिछले दो दिनों से जारी है, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बल पूरी तरह से सक्रिय हैं।
हिंसा की शुरुआत और उसका रूप– Murshidabad violence
हिंसा की शुरुआत शुक्रवार को वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई। शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान कई इलाकों में उपद्रवियों ने पुलिस वैन समेत वाहनों में आग लगा दी, सुरक्षा बलों पर पथराव किया और सड़कों को जाम कर दिया। शनिवार को भी हिंसा की खबरें आईं। शमशेरगंज और सुती में उपद्रवियों ने बर्बादी का मंजर उत्पन्न किया। शनिवार को सुती में हुई झड़पों में एक 21 वर्षीय युवक एजाज मोमिन गोली लगने से घायल हो गया था, और उसकी शनिवार को मौत हो गई। इसके अलावा, शुक्रवार को हुई हिंसा में कम से कम 18 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
पीड़ितों के बयान और हिंसा की तस्वीर
विवाद की एक ओर गंभीर तस्वीर तब सामने आई, जब एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि अचानक सैकड़ों लोगों का एक हथियारबंद गिरोह सामने आया। उनके अनुसार, इन हमलावरों ने चिल्लाते हुए कहा कि “हमारे समुदाय के किसी भी सदस्य को इस क्षेत्र में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।” उन्होंने दावा किया कि हमलावरों ने वक्फ भूमि के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे समुदाय को निशाना बनाया। वहीं, एक पीड़ित ने बताया कि हमलावरों ने उनके हिंदू समुदाय के दुकानों को विशेष रूप से निशाना बनाया और मुस्लिम समुदाय की दुकानों पर कोई आंच नहीं आई।
मुर्शिदाबाद के सुती इलाके के एक दवा की दुकान के मालिक ने बताया कि वह 50 साल से इस इलाके में रह रहे हैं, लेकिन इस तरह का उत्पात कभी नहीं देखा। उन्होंने बताया कि एक उन्मादी भीड़ अचानक उनकी दुकान पर आई, उन्हें मारा पीटा और दुकान में लूटपाट शुरू कर दी। दुकान में करीब 50 लाख रुपये का सामान लूट लिया गया। कई अन्य पीड़ितों ने भी हिंसा में अपना नुकसान बताया और कहा कि पुलिस की मदद देर से आई।
केंद्रीय बलों और पुलिस की कार्रवाई
हिंसा के बाद, पुलिस और केंद्रीय बलों की त्वरित कार्रवाई देखने को मिली। केंद्रीय बलों ने भारी हथियारों से लैस होकर इलाके में गश्त की और मुख्य सड़कों पर वाहनों की जांच की। पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों में छापेमारी की और अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने स्थिति की समीक्षा की और कहा कि हालात अब नियंत्रण में हैं। शमशेरगंज और अन्य प्रभावित इलाकों में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इन इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
पिता-पुत्र की हत्या और डर का माहौल
शमशेरगंज के जाफराबाद में शनिवार को उपद्रवियों ने एक पिता और पुत्र की हत्या कर दी। यह घटना तब हुई जब हमलावरों ने उन्हें उनके घर से घसीट कर बाहर निकाला और फिर बेरहमी से उनकी हत्या कर दी। इसके बाद हमलावरों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और खाना पकाने के बर्तन बाहर फेंक दिए। एक महिला ने बताया कि उस समय परिवार के सदस्य और आसपास के लोग भयभीत थे, और इस घटना ने इलाके में आतंक का माहौल पैदा कर दिया।
स्थिति का नियंत्रण और पुलिस की कार्रवाई
राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों के जवान मुर्शिदाबाद के संवेदनशील इलाकों में लगातार गश्त कर रहे हैं। पुलिस ने 12 और लोगों को गिरफ्तार किया और अब तक कुल 150 गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उपद्रवियों को कड़ी सजा मिले और ऐसी घटनाओं से लोगों को सुरक्षा मिले। पुलिस ने यह भी कहा कि शमशेरगंज और अन्य प्रभावित इलाकों में स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है।