एक बार फिर से देश
में कोरोना वायरस का भयंकर रूप देखने को मिल रहा है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि
कोरोना की दूसरी लहर देश में दस्तक दे चुकी है। जिसका असर महाराष्ट्र में सबसे
ज्यादा देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र में कोरोना का विकराल रूप देखने को मिल
रहा है। अकेले इस राज्य से ही 35 हजार कोरोना के केस सामने आने लगे है।
अस्पताल में लगी आग से 10 की मौत
कोरोना के भयंकर कहर
के बीच मुंबई से एक और परेशान करने वाली खबर सामने आई। मुंबई का एक कोविड अस्पताल भीषण
आग की चपेट में आ गया। जिसके चलते 10 लोगों की जान चली गई। इस दौरान 70 लोगों को सुरक्षित बचाया भी
गया।
मुंबई के भांडुप
इलाके के सनराइज अस्पताल में आधी रात ये आग लगी। अस्पताल ड्रीम्स मॉल के अंदर चल
रहा था। पांच
मंजिला मॉल की तीसरी मंजिल पर अस्पताल स्थित है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त ये
हादसा हुआ, तब कोरोना के मरीजों के अलावा और भी कई मरीज अस्पताल में मौजूद थे।
बीजेपी ने उठाए सवाल
मुंबई के कोविड
अस्पताल में लगी इस आग को लेकर सवाल भी खड़े होने लगे हैं। बीजेपी ने इस मामले को
लेकर उद्धव सरकार को घेरते हुए सवाल पूछे। उन्होनें कहा कि ड्रीम मॉल में टॉप
बिल्डिंग में कोविड अस्पताल में आग लगी, जिसमें 3 ICU मरीज की
मौत हो गई और 6 की हालत गंभीर ह । ये मॉल PMC बैंक मनी से एचडीआईएल
द्वारा निर्मित है। अस्पताल में OC नहीं था। कोविड के
दौरान BMC ने अवैध रूप से OC दिया।
यहां कोई सुरक्षा/फायर सिस्टम नहीं है।
इसके
अलावा घटनास्थल का दौरा करने पहुंची मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर ने मॉल के
अंदर अस्पताल होने पर हैरानी जताई। उन्होनें कहा कि पहली बार मैनें किसी मॉल में
अस्पताल देखा। अगर यहां अस्पताल चलाने में किसी तरह की अनियमितता पाई गई, तो
कार्रवाई होगी।
उद्धव ठाकरे ने किया अस्पताल का दौरा
इसी
बीच महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे भी अस्पताल का दौरा करने के लिए पहुंचे। उन्होनें
बताया कि ये एक कोविड हॉस्पिटल था, जिसे कोरोना काल में तैयार किया गया। अस्पताल
को 31 मार्च तक की अवधि मिली हुई थी। लेकिन उससे पहले ही ये भयानक घटना घट गई।
सीएम ने कहा कि ये आग अस्पताल में नहीं लगी, बल्कि कहीं और लगी जो फैलकर अस्पताल
तक आई। जानकारी के मुताबिक, आग पहले मॉल में लगी थी जिसके बाद अस्पताल में फैल गई। इस दौरान
मुख्यमंत्री ठाकरे ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता का ऐलान भी
किया। उद्धव ने बताया कि जिन लोगों की इस हादसे में मौत हुई है, वो वेंटिलेटर पर थे।
जानकारी के लिए आपको
बता दें कि जिस ड्रिम मॉल में ये आग लगी, वो 2009 में बना था। मॉल में एक हजार के
करीब छोटी दुकानें, 2 बैंक्वेट हॉल और एक हॉस्पिटल है। कोरोना अस्पताल शुरू करने
के लिए पिछले साल ही कंडीशनल ओसी दी गई थी। ये मॉल विवादित है। 4 साल पहले NCLT ने एक प्रशासक नियुक्त किया था।