साइकिल से शुरू हुआ चुनाव प्रचार
55 साल तक राजनीति में रहे मुलायम सिंह का यादव का 8 अक्टूबर को निधन हो गया। वहीं मुलायम सिंह के राजनीती सफ़र की बात करें तो 1967 में 28 साल की उम्र में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने। जबकि उनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था। 5 दिसंबर 1989 को मुलायम पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और इसके बाद में वे दो बार और प्रदेश के CM रहे। उन्होंने केंद्र में देवगौड़ा और गुजराल सरकार में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली। नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह सात बार लोकसभा सांसद और नौ बार विधायक चुने गए।
वर्ष 1967 में जब विधानसभा चुनाव हो रहा था। मुलायम के राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह तब जसवंतनगर के विधायक थे और उन्होंने अपनी सीट से मुलायम को मैदान में उतारने का फैसला लिया। लोहिया से पैरवी की और उनके नाम पर मुहर लग गयी।
प्रदेश को दिया था एक वोट, एक नोट का नारा
मुलायम सिंह यादव जसवंत नगर विधानसभा सीट से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार थे। नत्थू सिंह इस बार करहल विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते भी। नाम की घोषणा होते ही मुलायम सिंह चुनाव प्रचार में जुट गये। डॉ. संजय लाठर अपनी किताब समजावाद का सारथी, अखिलेश यादव की जीवनगाथा में लिखते हैं कि तब मुलायम के पास प्रचार के लिए कोई संसाधान नहीं था। ऐसे में उनके दोस्त दर्शन सिंह ने उनका साथ दिया। दर्शन सिंह साइकिल चलाते और मुलायम कैरियर पर पीछे बैठकर गांव-गांव जाते।
वहीं उनके पास पैसे नहीं थे। ऐसे में दोनों लोगों ने मिलकर एक वोट, एक नोट का नारा भी दिया। वे चंदे में एक रुपया मांगते और उसे ब्याज सहित लौटने का वादा भी किया.
ऐसे किया राजनीती का सफर शुरू
मुलायम सिंह ने सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के सहारे आगे बढ़े। 1977 में मुलायम सिंह यादव को मंत्री बनाया गया. जिसके बाद केन्द्र और उ.प्र. में जनता पार्टी की सरकार बनी और वह राज्य सरकार में मंत्री बनाए गए। बाद में चौधरी चरण सिंह की पार्टी लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष बने। इसके बाद 1967, 74, 77, 85, 89 में वह विधानसभा के सदस्य रहे। 1982-85 में विधानपरिषद के सदस्य रहे। आठ बार राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे।
इसके बाद मुलायम सिंह पहली बार 5 दिसंबर 1989 को प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 और उसके बाद 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वहीं इसी के साथ साल 1996 में केंद्र में रक्षा मंत्री भी बने. उत्तर प्रदेश की सियासी दुनिया में मुलायम सिंह यादव को प्यार से नेता जी कहा जाता है।