बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर अगर किसी को ये लगता है कि उनकी पार्टी डूब रही है, तो ये शायद गलत लगता है। क्योंकि मायावती का कहना है कि कुछ लोग जानबूझकर बीएसपी को कमजोर बता रहे हैं। दरअसल यूपी में इलेक्शन होने वाले हैं कुछ महीने बाद और सारी पार्टियां अपनी अपनी रणनीति बनाने में लगी हैं। तो वहीं मायावती भी अपने कदम तेज कर रही हैं और इसी रणनीति के तहत मायावती लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल मैदान में शनिवार को आयाजित रैली को संबोधित कर रही थीं।
बसपा सुप्रीमों ने भरी हुंकार
इसी दौरान उन्होंने कहा कि टीवी चैनलों पर जो सर्वे दिखाए जा रहे हैं, उनके चक्कर में न पड़ें। बंगाल और दिल्ली के चुनाव नतीजे पहले भी इन्हें गलत साबित कर चुके हैं। ये शब्द मायावती के हैं। तब उन्होंने कहा था कि रैली में आई भीड़ देखकर बसपा की ताकत का उन्हें अंदाजा हो गया होगा।
सपा-बीजेपी सबको खूब सुनाया
दरअसल काफी वक्त बाद मायावती ने कुछ बोला और ऐसा बोला की पूरा हुंकार ही भर डाला। उन्होंने बीएसपी वर्कर्स को सावधान कर कहा कि आने वाले यूपी चुनाव में विपक्षी दल हिंदू मुस्लिम सांप्रदायिक रंग देकर पॉलिटिकल फायदा उठाने की कोशिश में होंगे, जिससे सतर्क रहना होगा। मायावती ने तो विश्वास दिलाया कि यूपी में बसपा की सरकार बनने से इस बार कोई रोक नहीं सकता। वोट के लिए जनता से बीजेपी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी वादे कर रही हैं, जो हवा हवाई है। मायावती ने कहा कि उनमें रत्तीभर भी दम नहीं है।
मायावती का कहना है कि 2022 में अगर बसपा की सरकार आई तो बदले की भावना से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को नहीं रोका जाएगा, बल्कि वक्त पर उनको पूरा किया जाएगा। मायावती ने इस दौरान गठबंधन और बाकी पार्टियों से संबंधित बातें भी कहीं। उन्होंने कहा कि कुछ छोटी पार्टियां अकेले या फिर गठबंधन में रहते हुए बस सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाने में लगी है, जिनसे सावधान रहना है। घोषणा पत्र को लेकर भी मायावती ने लगे हाथ बोल ही दिया था, जिस पर गौर करना चाहिए। मायावती ने कहा था कि घोषणा पत्र तो हम जारी नहीं कर रहे हैं पर अगर हमारी सरकार बनती है तो बीजेपी के शुरू किए गए अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में विकास कार्यों को पर रोकेंगे नहीं बल्कि पूरा करेंगे। सड़क या पुल निर्माण पहले पुराने कामों को ठीक किया जाएगा।
आप देखेंगे कि इस वक्त बीजेपी से जाट और गुर्जर गुस्सा खाए बैठे हैं जिसे मायावती ने अपने संबोंधन में खूब उछाला। उन्होंने कहा कि नाराज चल रहे जाटों और गुर्जरों को खुश करने के लिए बीजेपी को अब उनके राजाओं की प्रतिमाएं लगवानी पड़ रही हैं। विश्वविद्यालय बनाने पड़ रहे हैं। अगर ये सारे काम वक्त पर होते तो अब उनका लोकार्पण होता शिलान्यास नहीं। मायावती ने ये तक कहा कि हम अगर सत्ता में आते हैं तो गरीब और मजदूरों के साथ ही ब्राह्मणों और मुस्लिमों की सुरक्षा और सम्मान का पूरा पूरा ध्यान रखेंगे। तो मायावती ने लगभग हर पार्टी को इस संबोधन में आड़े हाथ लिया और उनको लेकर एक से एक बयान दिया। हालांकि अपने बीएसपी वर्कर्स में कितना आत्मविश्वास भर पाई हैं वो आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा।