कोई करीबी व्यक्ति जब हमेशा के लिए दूर हो जाता है तो उसका दुख और दर्द झेल पाना आसान नहीं होता। वक्त के साथ जख्म जरूर भर जाते हैं, लेकिन वो करीबी शख्स हमेशा जहन में रहता है। उसे भूला पाना आसान नहीं होता।
खासतौर पर एक मां के लिए। जब एक मां अपनी आंखों के सामने अपने बच्चे को खो देती है, तो मानो उसकी जिंदगी ही खत्म हो जाती है। ऐसा ही कुछ फातिमा बीवी नाम की एक महिला के साथ भी हुआ। जिन्होंने अपने बेटे को 45 साल पहले प्लेन हादसे में खो दिया था।
1976 विमान हादसे में मान लिया था मृत
अब आप सोच रहे होंगे कि हम अब इस मामले का जिक्र क्यों कर रहे हैं? दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि 45 साल पहले जिस शख्स को मृत मान लिया गया था, वो अब अपने परिवार के पास वापस लौट गया। 1976 में मुंबई में इंडियन एयरलाइंस के विमान के क्रैश होने की वजह से एक व्यक्ति को मृत मान लिया गया था, लेकिन अब वो 45 सालों के बाद वो अपने घर लौटा है।
45 साल बाद मां से की मुलाकात तो…
युवक की पहचान सज्जाद थंगल के रूप में हुई। अब उनकी उम्र 70 साल हो गई है। वहीं उनकी मां फातिमा 91 साल की हैं। 91 साल की बुजुर्ग महिला जो अपने बेटे को 45 साल पहले खो चुकी थीं। उन्होंने अपने बेटे को वापस पाने की आस ही छोड़ दी। अब उन्हें साथ चमत्कार हुआ और उनका बेटा वापस लौटा। ये मामला केरल का है।
जैसे ही सज्जाद थंगल अपनी मां से इतने सालों के बाद मिले, तो दोनों एक दूसरे से गले मिलकर रोने लगे। मां हाथों में मिठाई लेकर अपने बेटे की घर वापसी का इंतेजार कर रही थीं। सज्जाद के स्वागत के लिए उनके गांव को अच्छे से सजाया गया था। वहीं कई स्थानीय नेताओं भी इस अवसर उनसे मिलने पहुंचे।
विमान हादसे ने यूं बदल दी थी जिंदगी
सज्जाद थंगल मूल रूप से केरल के कोट्टायम के रहने वाले हैं। वो कमाई के लिए घर छोड़कर अबू धाबी में बस गए। 1976 में हुए विमान हादसे ने सज्जाद थंगल की जिंदगी को पूरी तरह से पलटकर रख दिया था। इस हादसे में 95 लोगों की मौत हुई थीं। माना गया था इस हादसे का शिकार सज्जाद थंगल भी हुए और वो अब दुनिया में नहीं रहे। लेकिन ऐसा था नहीं, वो बाल-बाल इस हादसे की वजह से बच गए।
दरअसल, आखिरी वक्त में सज्जाद ने अपनी यात्रा की योजना बदल दी थी, जिसकी वजह से वो इस हादसे का शिकार होने से बच गए। इस विमान हादसे में दक्षिण भारतीय अभिनेत्री रानीचंद्र की भी मौत हुई थी।
सज्जाद भी उस टीम का हिस्सा था, जिसने खाड़ी में रानीचंद्र का एक स्टेज शो आयोजित किया। इस हादसे में सज्जाद तो बच गए, लेकिन उन्होंने अपने कई सहयोगियों को खो दिया था। जिसका उन पर गहरा असर पड़ा और वो पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस और साइकोलॉजिकल का शिकार हो गए। वहीं विमान हादसे के बाद सज्जाद को ये भी डर था कि मामले में उन्हें आरोपी बना सकती है।
फिर कुछ यूं हुई परिवार से मुलाकात
इसके बाद सज्जाद मुंबई आए और यहां रहकर छोटा मोटा वीजा और पासपोर्ट फॉर्म, कैटरिंग जैसे काम करने शुरू कर दिए। उस दौरान उन्होंने कभी भी अपने परिवारवालों से कभी संपर्क नहीं करने की कोशिश की। 2019 में उनकी मुलाकात पादरी केएम फिलिप से हुई। वो बिछड़े लोगों को मिलाने का काम करते थे।
पादरी फिलिप ने बताया कि साजिद कई तरह की मनोवैज्ञानिक विकारों से जूझ रहे हैं। विमान हादसे में अपने साथियों को खोने के बाद उन्हें डिप्रेशन हो गया। जब सज्जाद ने पादरी केएम फिलिप को अपने परिवार के बारे में बताया, तो उन्होंने उनके घर का पता लगाने के लिए एक सामाजिक कार्यकर्ता को केरल भेजा। जिसके बाद सज्जा दी मुलाकात अपने परिवार से हुई।
कार्यकर्ता ने वीडियो कॉल के जरिए सज्जाद की बात अपने परिवार से कराई। इसके बाद वो कुछ यूं अपने परिवारवालों से कई सालों के बाद मिले।