पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस को बेहतरीन जीत मिली। पार्टी ने अपना ही रिकार्ड तोड़ते हुए राज्य के 213 सीटों पर कब्जा जमाया। ममता बनर्जी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर टीएमसी ने बंगाल की सियासत में एक नई पटकथा लिख दी।
इस चुनाव में टीएमसी को मात देने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी चारो खाने चित्त हो गई। बीजेपी मात्र 77 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। टीएमसी की जीत के पीछे मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का बड़ा हाथ है। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर इस चुनाव में बंगाल की सियासत का रुख ही मोड़ दिया।
उन्होंने पहले ही इस बात की पुष्टि कर दी थी कि राज्य में बीजेपी दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी और हुआ भी कुछ वैसे ही…इस चुनाव में बेहतरीन जीत मिलने के बाद टीएमसी के हौसले बुलंद है।
ममता बनर्जी की नजर अब 2024 के लोकसभा चुनावों पर टिकी हुई है। इसी बीच खबर है कि ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर की टीम के साथ अपने करार को साल 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है।
तमाम कोशिशों के बाद भी बीजेपी को मिली शिकस्त
मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में अपने रणनीतिक कौशल का लोहा मनवाया और बीजेपी की तमाम कोशिशों के बावजूद भी टीएमसी जीत हासिल करने में सफल रही। बीजेपी ने इस चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम केंद्रीय मंत्री और अपने स्टार प्रचारकों को चुनावी कैंपेन में उतारा था लेकिन बंगाल की जनता पर किसी का जादू नहीं चला। बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी पर ही भरोसा जताया और वह लगातार तीसरी बार प्रदेश की सीएम बन गई है।
इन पार्टियों के लिए भी कर चुके हैं काम
बता दें, लोकसभा चुनाव 2019 में पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने पहली बार 18 सीटों पर कब्जा जमाया था। टीएमसी के प्रदर्शन में गिरावट आई थी। उसके बाद राज्य में टीएमसी के खिलाफ माहौल बनना शुरु हो गया था। लेकिन प्रशांत किशोर की रणनीति ने ममता को फिर से सीएम बना दिया।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर इससे पहले भी कई पार्टियों के लिए काम कर चुके हैं और लगभग पार्टियों को जीत भी दिलाई है। लोकसभा चुनाव 2014 में उन्होंने बीजेपी के लिए काम किया, 2015 में महागठबंधन, 2020 में आम आदमी पार्टी और 2021 में उन्होंने टीएमसी और डीएमके के लिए काम किया।
और इन दोनों पार्टियों ने अपने-अपने राज्यों में रिकार्ड जीत हासिल की। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सीएम बनी तो तमिलनाडु में एम के स्टालिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे। मौजूदा समय में वह पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए भी काम कर रहे हैं।