
पश्चिम बंगाल की सत्ता पर एक बार फिर से तृणमूल कांग्रेस ने अपना कब्जा जमा लिया। ममता बनर्जी ने तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लीं। इस बार के विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी की TMC को बीजेपी की तरफ से कड़ी चुनौती मिलीं थीं। कई दिग्गज साथियों के TMC का साथ भी छोड़ दिया था, जिसके चलते चुनाव से पहले ही पार्टी की नींव हिलने लगी थीं। इसके बावजूद TMC ने चारों खाने चित कर दिया और चुनावों में 200 से भी ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की।
विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद ममता बनर्जी ने एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले लीं। कोरोना संकट को देखते हुए शपथ ग्रहण समारोह को छोटा ही रखा गया। अकेले ममता बनर्जी ने ही सीएम के तौर पर शपथ लीं। उनके साथ किसी मंत्री ने शपथ नहीं लीं।
इस दौरान मंच पर सीएम ममता बनर्जी के साथ बंगाल के गर्वनर जगदीप धनखड़ नजर आए। पहले तो दोनों ने एक दूसरे को हाथ जोड़कर अभिवादन किया, लेकिन इसके बाद शपथ लेते समय दोनों ने एक दूसरे को बातों बातों में ताने भी मार दिए।
शपथ लेते समय ममता बोलीं कि उनकी पहली प्राथमिकता कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई होगीं। इसके साथ ही बंगाल में नतीजों के बाद हुई हिंसा पर उन्होंने बोलते हुए कहा कि हिंसा की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगाी। जो कोई भी ऐसा करेगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा।
गवर्नर ने छोटी बहन कहते हुए ममता को दी नसीहत
ममता के बाद गर्वनर जगदीप धनखड़ ने भी हिंसा के मुद्दे को उठाया। राज्यपाल ने ममता बनर्जी को छोटी बहन कहा और इसके साथ ही उनको कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सलाह दे दीं। राज्यपाल बोले कि राज्य में कानून-व्यवस्था का राज होना चाहिए। उम्मीद है कि ममता संविधान के हिसाब से चलेंगी।
ममता ने दिया ये जवाब
गर्वनर की इस टिप्पणी पर ममता बनर्जी ने भी जवाब दिया। उन्होंने चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए कहा कि अब तक सब कुछ चुनाव आयोग के अधीन था। चुनाव आयोग ने कई अधिकारियों को बदल दिया। अब मैनें शपथ लीं। नए सिरे से व्यवस्था करूंगीं।
गौरतलब है कि बंगाल चुनाव में जीत दर्ज करके ममता बनर्जी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तीसरी बार विराजमान हुईं। ममता बनर्जी की TMC ने विधानसभा चुनावों में 213 सीटों पर जीत दर्ज की थीं। वहीं 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करने वाली बीजेपी तीन अंकों के आंकड़ें को भी नहीं छू पाई। पार्टी महज 77 सीटों पर ही सिमटकर रह गईं। तमाम कोशिशों के बावजूद बीजेपी बंगाल की सत्ता से ममता बनर्जी को हटाने में कामयाब नहीं हो पाईं।
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