कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद राज्यसभा से रिटायर हो गए हैं। वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे। पिछले कई दिनों देश की सियासत में इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि गुलाम नबी आजाद के बाद राज्यसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कौन करेगा? राज्यसभा में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, आनंद शर्मा, पी चिदंबरम और राहुल गांधी के करीबी मल्लिकार्जन खड़गे का नाम सामने आ रहा था।
लेकिन आज देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर मल्लिकार्जन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के नाम को आगे किया है। खबरों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति वैंकैया नायडू को नेता विपक्ष चुने जाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सौंप दिया है।
खड़गे लेंगे गुलाम नबी आजाद की जगह
अब मल्लिकार्जन खड़गे (Mallikarjun Kharge) राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर गुलाम नबी आजाद की जिम्मेदारी को संभालेंगे। खड़गे कांग्रेस के दिग्गज और कद्दावर नेताओं में से एक हैं और साथ वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी के करीबी बताए जाते हैं। 78 वर्षीय खड़गे भारत सरकार में पूर्व रेल मंत्री के साथ-साथ श्रम और रोजगार मंत्री भी रह चुके हैं। वह 2009-2019 के दौरान कर्नाटक के गुलबर्गा क्षेत्र से सांसद थे। कर्नाटक में पले बढ़े खड़गे ने वकालत की पढ़ाई की है।
दरअसल, गुलाम नबी आजाद का सांसद के तौर पर आज राज्यसभा में आखिरी दिन है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम को आगे बढ़ाया गया है। जम्मू-कश्मीर के सभी राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। ऐसे में देश के ऊपरी सदन में जम्मू कश्मीर का प्रतिनिधित्व करने वाला मौजूदा समय में कोई नहीं होगा। जब तक प्रदेश में विधानसभा चुनाव नहीं होते हैं तब तक स्थिति कुछ ऐसी ही रहने वाली है।
5 बार राज्यसभा और 2 बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं आजाद
बता दें, 5 बार राज्यसभा सदस्य और 2 बार लोकसभा सदस्य रह चुके गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल समाप्त हो गया है। पिछले दिनों सदन में पीएम नरेंद्र मोदी समेत सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के नेताओं ने जमकर उनकी तारीफ की थी और उनसे जुड़ी किस्सों को शेयर किया था। पीएम मोदी उस दौरान भावुक भी हो गए थे।
खबरे तो यह भी आने लगी थी कि गुलाम नबी आजाद बीजेपी में शामिल हो सकते हैं लेकिन उन्होंने मीडिया के सामने इस बात को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा है कि जब कश्मीर में काले बर्फ पड़ने लगेंगे, तब वह इस बारे में सोचेंगे।