महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों भूचाल मचा हुआ है। मशहूर पुलिस अधिकारी सचिन वाजे एंटीलिया मामले में NIA की गिरफ्त में है। तो वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Param Bir Singh) की ओर से एक पत्र में प्रदेश के गृह मंत्री पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद महाराष्ट्र सरकार बैकफुट पर है।
महा विकास अघाड़ी सरकार में सहयोगी NCP के कोटे से गृहमंत्री बने अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) ने कई बड़े आरोप लगाए हैं। जिसमें हर महीने 100 करोड़ रुपये उगाही की बात भी कही गई है। परमबीर सिंह ने इन मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। प्रदेश सरकार के तमाम नेता परमबीर सिंह की विपक्षी पार्टियों से सांठ-गांठ की बात कहते आ रहे हैं।
बीते दिन सोमवार को NCP चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रेस कांफ्रेस कर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) के सभी आरोपों को झूठा करार दिया था। उन्होंने अनिल देशमुख के कोरोना पॉजिटिव और 5 से 15 फरवरी तक हॉस्पिटल में होने की बात कही थी। इसी बीच अनिल देशमुख ने स्पष्ट किया है कि वह 15 फरवरी को मुंबई भी गए थे।
अनिल देशमुख की सफाई
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने एक वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से 5 फरवरी से 15 फरवरी तक नागपुर के हॉस्पिटल में भर्ती था। इसके बाद 15 फरवरी को चार्टर प्लेन से मुंबई गया था। इसके लिए हॉस्पिटल से अनुमति ली थी, जिसमें डॉक्टरों ने मुझे विमान यात्रा के लिए फिट बताया था।‘ उन्होंने पुलिस आयुक्त द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया और कहा कि आरोपों की वजह से वह काफी परेशान है।
मीडिया में चल रही खबरों को बताया गलत
अनिल देशमुख ने मीडिया में उनके बारे में चल रही बातों को भी गलत बताया। वीडियो में उन्होंने कहा है कि ‘पिछले कुछ दिनों से इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में मेरे बारे में कई गलत खबरें चल रही हैं। आप सबको मालूम है कि कोरोना के बीते एक साल के समय में मैं पूरे प्रदेश भर में घूमकर पुलिसकर्मियों से मिलता रहा और उनका हौसला बढ़ाता रहा। बीते 5 फवरी को मेरी कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 5 फरवरी से लेकर 15 फरवरी तक मैं अस्पताल में रहा। 15 फरवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद डॉक्टर की सलाह थी कि मैं 10 दिन होम क्वारंटीन में रहूं।’
‘पहली बार 28 फरवरी को घर से बाहर निकला’
गृहमंत्री ने आगे कहा, ’15 तारीख को ही मैं प्राइवेट प्लेन से मुंबई आ गया और उसके बाद डॉक्टर्स की सलाह पर ही रोज देर रात में मैं पार्क में प्राणायाम के लिए जाता था। नागपुर में मेरे हॉस्पिटल में रहने के दौरान और बाद में होम क्वारंटीन के दौरान मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुछ मीटिंग और कार्यक्रम अटेंड किए थे। होम क्वारंटीन के बाद 1 मार्च से हमारा बजट अधिवेशन शुरू होना था, जिसके लिए सत्र में प्रश्नोत्तर और सूचनाओं पर ब्रीफिंग के लिए कुछ अधिकारी मेरे घर पर आते थे।‘ अनिल देशमुख ने स्पष्ट किया कि वह शासकीय काम से पहली बार 28 फरवरी को घर से बाहर निकले थे।