उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का मशहूर डासना मंदिर एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने एक विशेष समुदाय के बच्चे पर मंदिर में घुसकर रेकी करने के आरोप लगाए। महंत ने इससे जुड़ी एक वीडियो रविवार रात को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की, जिसमें वो कहते नजर आए कि किसी बड़े हमले की साजिश रची जा रही है। इस दौरान वो अपनी हत्या की भी आशंका जताते हुए नजर आए।
महंत ने मासूम पर लगाए ये आरोप
वीडियो में महंत के साथ अनस नाम का वो बच्चा भी नजर आ रहा है, जिसे मंदिर में पकड़ा गया। यति नरसिंहानंद ने बताया कि बच्चे के साथ किसी ने भी मारपीट नहीं की। उसे एक थप्पड़ तक नहीं मारा।
वीडियो में महंत यति नरसिंहानंद सरकार और पुलिस को चेताते कहा कि किसी हमले की तैयारी है। ये लड़का इसके लिए यहां पर रेकी करने के लिए आया है। वो आगे ये भी बोले कि मैं योगी जी तक संदेश भेजना चाहता हूं कि ये मेरी हत्या का प्रयास है।
वहीं महंत ने बच्चे पर ये गंभीर आरोप लगाते हुए उसे पुलिस को सौंप दिया था। ये पूरा मामला क्या है? आखिर क्यों बच्चा मंदिर में घुसा था? महंत यति नरसिंहानंद की बातों में कितनी सच्चाई है? इसकी जांच जब गाजियाबाद पुलिस ने की, तो पूरी पोल पट्टी खुल गई…
पुलिस ने बताई पूरे मामले की सच्चाई
पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि जैसा महंत ने दिखाने की कोशिश की, मामला वैसा बिल्कुल भी नहीं है। जांच में पाया गया कि अनस सैफी मसूरी थाना क्षेत्र में उस्मान कॉलोनी डासना का रहने वाला है। वो करीब 10 साल का है। अनस अपनी प्रेग्नेंट भाभी के साथ मंदिर परिसर के बराबर में बने CHC में इलाज के लिए आया था। उसको उस जगह की ज्यादा जानकारी नहीं थीं। क्योंकि उस समय काफी श्रद्धालु मंदिर की तरफ जा रहे थे, तो अनस भी मंदिर परिसर को अस्पताल का गेट समझकर वहां चला गया। पुलिस ने बच्चे के पास से किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक वस्तु मिलने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है।
यानी गाजियाबाद पुलिस की तरफ से ये साफ किया गया कि बच्चा एकदम निर्दोष है और महंत ने वीडियो में जो बातें कहीं, उनमें जरा भी सच्चाई नहीं।
वैसे गाजियाबाद के डासना मंदिर में इस तरह की ये पहली घटना नहीं हुई। कुछ महीनों पहले ऐसा ही कुछ मामला सामने आया था, जब मंदिर में पानी पीने के लिए आए आसिफ नाम के एक बच्चे के साथ मारपीट की गई थीं। तब इस मामले ने भी काफी तूल पकड़ा था।