भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर अब नए रंग-रूप में नजर आएगा. दरअसल. इस महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल कारिडोर बनाया गया है और अभी तक इसके पहले चरण का काम पूरा हो गया है। दूसरे चरण का काम 2023-24 तक पूरा होगा.
जानिए कैसा होगा महाकाल कारिडोर
महाकाल मंदिर कॉरिडोर करीब 900 मीटर एरिया में बना है और ये कॉरिडोर काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से करीब 4 गुना बड़ा है. वहीं महाकाल मंदिर कॉरिडोर के पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स, गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स है.
शिव की मूर्तियाँ बतायेंगी कहानी
महाकाल मंदिर कॉरिडोर में शिव तांडव स्त्रोत, शिव विवाह, महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल, नूतन स्कूल परिसर, गणेश विद्यालय परिसर, रूद्रसागर तट विकास, अर्ध पथ क्षेत्र, धर्मशाला और पार्किंग सर्विसेस भी तैयार किया जा रहा है. वहीँ इस महाकाल लोक में मूर्तियों के रूप में भगवान शिव से जुड़ी अलग-अलग कहानियां को दर्शाया जाएगा.
200 मूर्तियां का होगा भव्य कॉरिडोर
इसी के साथ इस भव्य कॉरिडोर में सप्त ऋषि के पास विशाल म्यूरल बना है, जिसमें उनके स्वरूप नंदीगण, भैरव, गणेशजी, माता पार्वती और अन्य देवताओं की 200 मूर्तियां बनाई गई है. नक्काशीदार बलुआ पत्थरों से बने 108 अलंकृत स्तंभों का एक राजसी स्तंभ, फव्वारों और शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से ज्यादा भित्ति चित्र भी होंगे.
2019 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य
इस महाकाल कॉरिडोर का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था. दो हेक्टेयर में बने मंदिर परिसर के लिए करीब 750 करोड़ रुपए खर्च होंगे. कुल खर्च में से करीब 422 करोड़ रुपए राज्य सरकार और 21 करोड़ रुपए मंदिर समिति खर्च करेगी. बाकी रकम केंद्र सरकार द्वारा खर्च किये जायेंगे. वहीँ 11 अक्टूबर को पीएम मोदी द्वार इसका उद्घाटन किया जायेगा.