17 सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर देश में कोरोना वैक्सीनेशन का एक बहुत बड़ा अभियान चलाया गया था। इस दौरान रिकॉर्ड ढाई करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई गई थीं। लेकिन इस बीच उस दौरान हुए वैक्सीनेशन का एक बेहद ही अजब मामला मध्य प्रदेश से सामना आया है।
एमपी में महीनों पहले ही मर चुकी एक महिला को इस अभियान के दौरान वैक्सीन की दूसरी डोज दे दी गई। सिर्फ इतना ही नहीं वैक्सीन का सर्टिफिकेट तक जारी कर दिया गया।
मामला आगर मालवा के छावनी नाका वार्ड नंबर 16 का है। यहां 17 सितंबर को विद्या शर्मा को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई। सर्टिफिकेट भी जारी हुआ, लेकिन उनकी मौत तो अस्पताल में एक मई को ही हो चुकी थीं। 17 सितंबर को उनके परिजनों के फोन पर वैक्सीन लगने का मैसेज आया, तो हर कोई हैरान रह गया।
विद्या शर्मा के बेटे आशुतोष के मुताबिक 8 मार्च को उनकी मां ने कोविशील्ड की पहली डोज ली थी और जून में उनको दूसरी डोज लगाई जानी थी, लेकिन इससे पहले ही एक मई को कोरोना के चलते उनका निधन हो गया। अब मौत के करीब चार महीनों बाद उनको दूसरी डोज लगाने की जानकारी मैसेज में आई।
वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ। इसके अलावा भी आगर के ही छावनी से ऐसा ही मामला सामने आ चुका है। यहां पिंकी वर्मा नाम की एक महिला ने 8 जून को पहली वैक्सीन की डोज ली थीं। उनको दूसरी डोज 7 सितंबर को लगनी थी, लेकिन बीमार होने के चलते वो वैक्सीन नहीं लगवा पाई। इस बीच 17 सितंबर को मैसेज आया कि उन्होंने वैक्सीन की दूसरी डोज ले ली है।
वहीं इस मामलों पर एमपी के चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हो सकता है कि ऐसा लिपकीय गलती की वजह से हुआ हो। ऐसा है तो इसको दूर किया गया।