RJD प्रमुख लालू यादव की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं। चारा घोटाले से जुड़े पांचवें और सबसे अहम डोरंडा मामले में लालू यादव को झारखंड में CBI की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। ये केस 139.35 करोड़ की हेराफेरी का है। साल 1990 से लेकर 1995 तक डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। ये पैसे चारा, दवाई और पशु-कृषि विभाग में उपकरणों की खरीद के नाम पर निकाले गए थे। मामले में अब करीब 27 सालों के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।
डोरंडा कोषागार से जुड़े केस में कुल 170 लोग आरोपी थे। इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि दो ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। वहीं 7 सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गए थे। मामले में 6 आरोपी अब तक फरार हैं। कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में लालू यादव समेत 99 आरोपियों पर अपना फैसला सुनाया।
अदालत ने मामले में 75 आरोपियों को दोषी करार दिया। वहीं 24 अभियुक्त को बरी किया गया। लालू के करीबी नेता जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत के साथ 35 लोगों को केस में 3-3 साल की सजा हुई। वहीं कोर्ट की तरफ से लालू यादव की सजा का ऐलान नहीं किया गया। उनके और बचे दोषियों को 21 फरवरी को अदालत के द्वारा सजा सुनाई जाएगी।
चारा घोटाले का ये मामला तीन दशक पुराना है। मामले में CBI ने 64 केस दर्ज किए थे। इनमें से 6 केस में लालू यादव का नाम शामिल हैं। लालू यादव पर दर्ज इन मुकदमों में से पांच केस को झारखंड में ट्रांसफर किया गया था। वहीं एक मामले की पटना में सुनवाई हुई।
झारखंड CBI कोर्ट पहले ही पांच में से 4 मामले में लालू यादव को दोषी करार दे चुका है। चाईबासा कोषागार के दो अलग मामलों में लालू को 7-7 साल की सजा हुई, जबकि दुमका केस में उन्हें 5 साल और देवघर कोषागार मामले में 4-4 साल की सजा सुनाई गई थीं। इन मामलों में लालू जमानत पर बाहर चल रहे हैं। मंगलवार को आखिरी केस में फैसला आया, जिसमें भी लालू दोषी ठहराए गए।
चारा घोटाले का ये मामला साल 1996 में उस वक्त सामने आया, जब पशुपालन विभाग पर CBI ने छापे मारे थे। जून 1997 में केस में लालू यादव का नाम भी आया। तब उनके और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए थे।
सितंबर 2013 में चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया। मामले में लालू यादव को रांची जेल भेज दिया गया था। दिसंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई। वहीं दिसंबर 2017 में CBI कोर्ट ने लालू यादव समेत 15 अन्य को दोषी पाते हुए मुंडा जेल भेज दिया था। अप्रैल 2021 में ही लालू यादव को जमानत मिली थीं।