पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में भारतीय जनता पार्टी की तमाम कोशिशों के बावजूद ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी ने रिकार्डतोड़ जीत हासिल की। जिसके बाद से प्रदेश की सियासत में बवाल मचा हुआ है।
बीजेपी के तमाम नेता और कार्यकर्ता लगातार टीएमसी का दामन थामते नजर आ रहे हैं। इससे इतर बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी नेताओं के बयानबाजियों को लेकर अभी भी बवाल जारी है।
चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने चुनाव प्रचार के दौरान कई डॉयलॉग बोलकर वाहवाही बटोरी थी। लेकिन वहीं डॉयलॉग अब मिथुन चक्रवर्ती के गले की फांस बन गए हैं। जिसे लेकर उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है।
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बंगाल चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा था कि ‘मारुंगा यहां और लाश गिरेगी श्मशान में…’उनके इस बयान को लेकर कोलकाता के मानिकतला थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें कहा गया था कि ब्रिगेड परेड ग्राउंड में मिथुन ने भड़काऊ भाषण दिया था। उसी वजह से राज्य में चुनाव के बाद हिंसा हुई। मानिकतला थाने में मिथुन के खिलाफ धारा 153ए, 504, 505 और 120बी के तहत शिकायत की गई थी।
इसके खिलाफ बीजेपी नेता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उसके बाद मानिकतला पुलिस ने इस मामले में उनसे पूछताछ की। उस मामले में बीते दिन शुक्रवार को कोलकाता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। लेकिन कोर्ट ने मिथुन चक्रवर्ती को राहत नहीं दी है। पुलिस को अभिनेता से फिर से पूछताछ करने की अनुमति दे दी है। पुलिस उनसे सोमवार को वर्चुअली पूछताछ करेगी। इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी बुधवार को होगी।
‘राजनीतिक बदले के लिए लग रहे झूठे आरोप’
बता दें, कोलकाता हाईकोर्ट में अधिवक्ता महेश जेठमलानी और आयन भट्टाचार्य बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती की पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि मिथुन चक्रवर्ती ने फिल्मी डायलॉग बोला था, इसका वास्तव से कोई लेना-देना नहीं है। वकीलों ने मिथुन चक्रवर्ती का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने ब्रिगेड रैली के दौरान मंच से कहा था, ‘मैं पानी का सांप नहीं हूं, मैं कोबरा हूं। दंश मारने से काम तमाम हो जाएगा।‘ वहीं, विपक्षी पार्टियों की ओर से बीजेपी नेता पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। हालांकि, मिथुन चक्रवर्ती का दावा है कि राजनीतिक बदला लेने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।