इन दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है। इस खबर के मुताबिक राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के एक अधिकारी ने दो साल बाद अचानक इस्तीफा दे दिया। अब सरकारी नौकरी छोड़ना कोई मजाक नहीं है। लेकिन यहां सवाल उठता है कि आखिर इतना बड़ा पद छोड़ने वाला यह अधिकारी कौन था और पद छोड़ने के पीछे क्या वजह थी। दरअसल हम बात कर रहे हैं अंकित कुमार अवस्थी (Ankit Kumar Awasthi) की, जिन्होंने करोड़ों का पैकेज छोड़कर जयपुर में आबकारी अधिकारी (Excise Officer in Jaipur) के तौर पर सरकारी नौकरी चुनी और अचानक सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला किया।
इस वजह से छोड़नी पड़ी नौकरी- Ankit Kumar Awasthi quit job
मीडिया से बातचीत में अंकित कुमार अवस्थी ने बताया कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों की वजह से सरकारी नौकरी छोड़ी थी। अंकित ने दावा किया कि जब उन्होंने वैशाली नगर में करोड़ों रुपये का घर बनवाया तो लोग उनके बारे में अपमानजनक बातें करने लगे। अंकित का दावा है कि अफ़वाहें फैलीं कि उन्हें आबकारी अधिकारी के तौर पर मोटी तनख्वाह मिल रही है। उन्हें यह चिंता होने लगी कि लोग उनकी मेहनत की कमाई को भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से जोड़ देंगे, भले ही उन्होंने इसका कुछ भी इस्तेमाल किया हो। यही वजह है कि उन्होंने इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया।
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— Ankit Kumar Avasthi (@kaankit) August 9, 2023
अंकित ने दिया करोड़ों का टैक्स
सरकारी नौकरी के अलावा अंकित कुमार कई तरह के काम करते हैं। वे यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर युवाओं को सलाह देते हैं। उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर उनके करीब एक करोड़ फॉलोअर्स हैं। अंकित ने बताया कि वे 2011 से शिक्षक हैं और उन्होंने दिल्ली और कोटा जैसे कई ऑनलाइन शिक्षण संस्थानों में बच्चों को पढ़ाया है। कोरोना से पहले उन्होंने एक करोड़ रुपए टैक्स भी भरा था।
Dainik Bhaskar (Alwar Edition)
5 करोड़ रुपए सैलेरी पाते हुए आरएएस बने अंकित: अब 200 में गरीब बच्चों काे अधिकारी बनाने का है सपना, कोरोना में अंकित ने सरकार को 1 करोड़ रुपए टैक्स दिया। pic.twitter.com/ETpm4u40U6— Ankit Kumar Avasthi (@kaankit) July 21, 2021
इसलिए बने सरकारी अफसर
अंकित का दावा है कि वह कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और कोचिंग सेंटर के ज़रिए हर साल करीब 5 करोड़ रुपए कमा रहे थे, लेकिन एक दिन एक बच्चे की बात ने उन्हें सरकारी सेवा में आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने दावा किया कि बच्चों को निर्देश देते समय उन्होंने अपने स्वर्ण पदक का जिक्र किया था। इस पर एक बच्चे ने जवाब दिया, “कभी खुद का एग्जाम निकाल पाए तो बताएं।” यही बात उन्हें चुभ गई, उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की परीक्षा देने का फैसला किया क्योंकि इससे उन्हें दुख पहुंचा। उन्होंने परीक्षा पास की और उनका चयन हुआ। नतीजतन, उनके परिवार के कई सदस्य अधिकारी बन गए। अंकित अब आरएएस में शामिल होने और छोड़ने की प्रक्रिया से गुजर चुके हैं। वह बच्चों को समझाते हैं कि सरकार के लिए काम करना ही सब कुछ नहीं है।
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