अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर का कम लगभग पूरा हो गया है और अब जनवरी 2024 में इस मंदिर का उद्घाटन होगा. जहाँ एक और भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) का काम जोरो-शोरो से पूरा हो रहा है तो वहीं अयोध्या में प्रस्तावित भूमि पर बनने वाली ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्ला’ (Mohammed bin Abdullah) मस्जिद की आधारशिला भी रखी जाने वली है और ये आधारशिला मक्का (Macca) के बड़े इमाम के हाथों रखी जाएगी.
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मक्का के इमाम अब्दुल-रहमान अल-सुदैस रखेंगे नीव
जानकरी के अनुसार, अयोध्या में राम मंदिर केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए दूसरी जगह दी गई है. जिसके बाद अयोध्या से 25 किमी दूर धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण के लिए भूखंड दिया गया है. जिस पर मस्जिद की आधारशिला रखी जाएगी और ये आधारशि लापाक मस्जिद के इमाम ए हरम में नमाज पढ़ाने वाले इमाम रखेंगे.
इमाम अब्दुल-रहमान अल-सुदैस का पूरा नाम अब्दुल रहमान इब्न अब्दुल अजीज अल-सुदैस है. उनका जन्म 1961 में सऊदी अरब के कासिम शहर में हुआ था. मक्का में मस्जिद अल हरम के मुख्य इमाम और खतीब होने के अलावा, दो पवित्र मस्जिदों के मामलों के लिए जनरल प्रेसीडेंसी के अध्यक्ष भी हैं. 12 साल की छोटी उम्र में, अल सुदैस ने पवित्र कुरान को याद कर लिया था.
वहीं शेख अल सुदैस को उनकी उदार आवाज और ताजवीद के अनुसार कुरान के भावनात्मक, जबरदस्त व्याख्या के लिए जाना जाता है. शेख अब्दुल रहमान अल सुदैस को किंग सलमान ने वर्ष 2016/1437 में हज खुतबा देने के लिए भी नियुक्त किया था. वहीं शेख सुदैस वर्तमान में मक्का और मदीना में दोनों मस्जिदों में जारी निर्माण और विस्तार कार्य की देखरेख कर रहे हैं.
देश की बड़ी और ताजमहल से ज्यादा खूबसूरत होगा ये मस्जिद
वहीं मुंबई के बीजेपी नेता हाजी अराफात शेख को मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्ला विकास समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. बीजेपी नेता के मुताबिक अयोध्या में बनने वाले नई मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद होगी, इसमें दुनिया की सबसे बड़ी कुरान भी होगी. इस कुरान की ऊंचाई 21 फीट और चौड़ाई 36 फीट की होगी.
इसी के साथ जानकारी मिली है कि ये मस्जिद की चार मीनारें होंगी, जो इस्लाम के पांच स्तंभों कलिंग, नमाज, रोजा, हज की प्रतीक होगी. इस मस्जिद में की जमीन पर 2,000 नमाजियों के लिए सभागार, 300 बेड का चैरिटेबल हॉस्पिटल, 1000 की क्षमता वाला शाकाहारी सामुदायिक भोजनालय और मौलवी अहमद उल्ला शाह के नाम से एक रिसर्च सेंटर का निर्माण होना है. इसके चारों तरफ छायादार वृक्ष भी लगाए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक ये मस्जिद ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत होगी और देश की सबसे बड़ी मस्जिद होगी.
आपको बता दें, इसी साल अक्टूबर में मुंबई में मौलवियों और फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी की मौजूदगी में समारोह हुआ था, जिसमें मस्जिद का नाम ‘मुहम्मद बिन अब्दुल्ला’ रखने का फैसला किया गया था.