आज के समय में अगर आप किसी भी शोरूम में कार खरीदने जाएंगे तो आपको हर तरह की कार हर रंग में मिल जाएगी, महंगी से लेकर सस्ती, छोटी से लेकर बड़ी तक। लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया है कि देश की पहली कार कौन सी होगी और उस वक्त इसकी कीमत क्या रही होगी? तो आपको बता दें देश की इस पहली कार का नाम है एम्बेसडर। उस जमाने में ये कार BMW कार कि तरह मानी जाती थी, लेकिन अगर आप आज भी इस कार को एंटीक समझकर खरीदने की सोचेंगे तो आपको इसके लिए भी लाखों रुपये चुकाने पड़ सकते हैं। आइए आपको देश में बनी पहली कार एम्बेसडर के बारे में बताते हैं।
कब बनी भारत में पहली कार?
भारत में पहली कार एम्बेसडर साल 1948 में बनाई गई थी। शुरुआत में इस कार को हिंदुस्तान लैंडमास्टर के नाम से लाया गया था। यह कार ब्रिटिश ब्रांड की पॉपुलर कार मॉरिस ऑक्सफोर्ड सीरीज 3 पर आधारित मॉडल है। देश के ज्यादातर बड़े राजनेता इसी कार में सफर करना पसंद करते थे।
एंबेसडर कार के फीचर्स
एम्बेसडर कार को क्रोम ग्रिल, गोल हेडलाइट्स और टेल फिन के साथ रेट्रो डिज़ाइन दिया गया था। इस कार ने अपने आखिरी मॉडल तक भी अपने आइकॉनिक डिज़ाइन को बरकरार रखा। इस कार के इंटीरियर की बात करें तो इसमें बूस्टेड प्लश सीटें और पर्याप्त लेगरूम दिया गया था। इस कार में पावर स्टीयरिंग, एयर कंडीशनिंग जैसे फीचर्स भी दिए गए थे।
क्या थी एंबेसडर कार की कीमत
हिंदुस्तान मोटर्स की इस कार के कई मॉडल MK1, MK2, MK3, MK4, नोवा, ग्रैंड नाम से बाजार में आए। यह पहली मेड-इन-इंडिया कार थी। कंपनी ने साल 2014 में इस कार की बिक्री बंद कर दी थी। लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग इस कार का इस्तेमाल कर रहे हैं। उस समय इस कार की कीमत 14 हजार रुपये के आसपास रखी गई थी। लेकिन आज इस कार की कीमत 14 लाख रुपये के आसपास मानी जा सकती है।
आपको बता दें, हिंदुस्तान मोटर्स ने साल 2013 में एम्बेसडर का आखिरी मॉडल लॉन्च किया था। एम्बेसडर के इस आखिरी वर्जन का नाम एनकोर था। इस कार में BS4 इंजन लगाया गया था। साल 2014 में इस मॉडल के बंद होने के साथ ही भारतीय बाजार में दशकों से बिक रही इस कार का उत्पादन बंद हो गया।
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