इस समय पूरे देश में लोकसभा चुनाव को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। लोकसभा चुनाव 7 चरणों में हो चुके हैं और अब कल यानी 4 जून को चुनाव के नतीजे घोषित होने वाले हैं। वैसे, लोकसभा चुनाव से पहले इस साल 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हुए थे। लोकसभा चुनाव से अलग, राज्यसभा चुनाव में आम जनता हिस्सा नहीं लेती। दरअसल इन चुनावों में आम जनता की सीधी भागीदारी नहीं होती। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर राज्यसभा चुनाव कैसे होते हैं और अगर इन चुनावों में जनता हिस्सा नहीं लेती है तो राज्यसभा सांसदों का चुनाव कौन करता है? अगर आपके मन में भी ऐसे ही सवाल हैं तो आइए हम आपको बेहद सरल भाषा में बताते हैं कि राज्यसभा चुनाव में वोटिंग कैसे होती है।
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क्या है राज्यसभा ?
भारत में ब्रिटेन की तरह द्विसदनीय संसदीय प्रणाली (Bicameral Parliamentary System) है। अनुच्छेद 79 के अनुसार दूसरा सदन बनाया गया जिसकी संरचना और चुनाव प्रक्रिया लोकसभा से बिल्कुल अलग थी। यह एक संघीय सदन है जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व होता है। संविधान के अनुच्छेद 80 में कहा गया है कि राज्यसभा में अधिकतम 250 सदस्य होंगे। हालांकि इनमें से 12 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है जिनके पास साहित्य, विज्ञान, कला या समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में अनुभव होता है। हालांकि इस समय राज्यसभा में 245 सदस्य हैं जिनमें से 233 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि हैं।
राज्यसभा सदस्यों के लिए न्यूनतम आयु सीमा 30 वर्ष है। लोकसभा सदस्यों के लिए आयु सीमा 25 वर्ष है। चुनाव आयोग राज्यसभा सीटों के लिए नए चुनावों की घोषणा तब करता है जब उनका कार्यकाल समाप्त हो जाता है। राज्यसभा के हर सदस्य का कार्यकाल 6 साल का होता है। अगर सदस्य की मृत्यु हो जाती है या वह इस्तीफा दे देता है तो उपचुनाव होता है। इसमें निर्वाचित सदस्य सिर्फ उस सदस्य के बचे हुए कार्यकाल तक ही राज्यसभा में रह सकता है।
राज्यसभा चुनाव में जनता क्यों नहीं भाग ले सकती
राज्यसभा चुनाव में आम जनता भाग नहीं लेती, बल्कि उसके चुने हुए विधायक इसमें हिस्सा लेते हैं। इसीलिए इसके चुनाव को अप्रत्यक्ष चुनाव भी कहा जाता है। भारत में संसद के दो अंग हैं। लोकसभा और राज्यसभा। दोनों सदनों से कोई विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाता है। उनके हस्ताक्षर के बाद विधेयक कानून का रूप ले लेता है और पूरे देश में इसका पालन होने लगता है।
राज्यसभा चुनाव कैसे होते हैं?
राज्यसभा चुनाव के लिए कोई गुप्त मतदान नहीं होता है। इसमें ईवीएम का भी इस्तेमाल नहीं होता है। राज्यसभा के सांसदों का चुनाव एक फॉर्मूले के हिसाब से होता है। इसमें एक सांसद को जितने वोट चाहिए होते हैं, वो पहले से तय होता है। दरअसल, किसी विधानसभा के विधायकों की कुल संख्या को 100 से गुणा किया जाता है और उसे राज्य की कुल राज्यसभा सीटों में +1 जोड़कर भाग दिया जाता है। एक जोड़ने के बाद जो संख्या आती है, वो किसी राज्य में राज्यसभा सीट जीतने के लिए ज़रूरी वोटों की संख्या होती है। ये फॉर्मूला है: विधानसभा के विधायकों की कुल संख्या x 100/(राज्यसभा सीटें + 1) = +1
वहीं, राज्य सभा एक स्थायी सदन है और यह कभी भंग नहीं होता। इस उच्च सदन के सदस्य छह साल के लिए चुने जाते हैं।