Marijuana plants in Housing Society: ग्रेटर नोएडा की पार्श्वनाथ पनोरमा सोसायटी में एक छोटे से फ्लैट में, राहुल नाम के युवक ने अपनी तकनीकी जानकारी का इस्तेमाल करके एक अनोखा व्यवसाय खड़ा कर दिया। कैलिफोर्निया (California) से विशेष किस्म के बीज मंगवाकर, उसने अपने फ्लैट में ही गांजे की खेती शुरू की और देखते ही देखते हर महीने लाखों रुपये कमाने लगा। इस धंधे को चलाने के लिए उसने डार्क वेब का सहारा लिया और डार्क वेब के जरिए ही गांजा सप्लाई करता था। युवक (Greater Noida news cannabis cultivation) ने वेब सीरीज देखकर गांजा की खेती करना सीखा। यह पूरी कहानी तब सामने आई, जब पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर राहुल के फ्लैट पर छापा मारा। आइए, जानते हैं क्या है ये पूरा मजरा..
मेरठ का रहने वाला है अपराधी- Marijuana plants in Housing Society
उत्तर प्रदेश के मेरठ के दरौला मोहल्ले का रहने वाला राहुल (Noida Rahul Marijuan Case) कथित तौर पर गांजा उगाने वाले आरोपी युवक का नाम है। पिछले चार महीनों से राहुल इसकी खेती कर रहा था। सिर्फ़ चार महीनों में उसने पचास से ज़्यादा पौधे उगा लिए। उसके अपार्टमेंट से 2 किलो से ज़्यादा गांजा और 163.4 ग्राम ओशन गांजा यानी प्रीमियम गांजा बरामद हुआ। इसके अलावा उसके अपार्टमेंट से पौधे और खेती की दूसरी सामग्री भी बरामद हुई।
100 दिन में कमाए 12 लाख रुपये
राहुल चौधरी पर गांजा उगाने (Marijuana plants in Housing Society) और तस्करी करने का आरोप है। वह 20,000 रुपये प्रति माह पर 4 बीएचके फ्लैट किराए पर लेकर भांग की खेती कर रहा था। आरोपी राहुल चौधरी ने 100 दिनों में ही 12 लाख रुपये की कमाई की थी। हाल ही में उसे अस्सी पौधे तैयार करने का ऑर्डर मिला था। इसके लिए उसे 48 लाख रुपए मिलने थे। वह पौधे पाने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करता था। चार महीने में आरोपी ने गांजा उगाना शुरू कर दिया। पुलिस आरोपी के रेंटल एग्रीमेंट की भी जांच कर रही है।
डार्क वेब पर ऑन डिमांड गांजा
पुलिस ने जब इस मामले में राहुल से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह डार्क वेब के जरिए ऑन डिमांड गांजा बेचता था। एक गांजे के पौधे की खेती में करीब छह से सात हजार रुपये का खर्च आता है लेकिन इससे 30 से 40 ग्राम ओजी निकलता है जिसकी बाजार में कीमत 60 से 80 हजार है यानी एक पौधे को उगाने में जहां सात हजार का खर्च आता है वहीं तस्कर 60 से 80 हजार का मुनाफा कमाता है।
कोरोना काल में रेस्तरां बंद होने पर शुरू किया धंधा
कुछ साल पहले राहुल ने एक रेस्टोरेंट खोला था। कोरोना महामारी के दौरान काफी नुकसान होने के बाद उसे रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा। इसके बाद उसने यूट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गांजा उगाने का तरीका सीखा। फिल्मी अंदाज में उन्होंने अपने परिवार के लिए सुपरटेक सीजर सोसायटी, ओमीक्रॉन-1 में एक फ्लैट किराए पर ले लिया था।
पुलिस ने दी जानकारी
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपी ने सोशल मीडिया और यूट्यूब से गांजा उगाने का तरीका सीखा था। आरोपी ने गांजा उगाने के लिए इंटरनेट रिटेलर से एक खास तरह की लाइट खरीदी थी। अपार्टमेंट में पौधों के लिए उचित तापमान बनाए रखने के लिए उसने एयर कंडीशनिंग लगवा रखी थी। राहुल चौधरी (Noida Rahul Marijuan Case) सीसीएसयू मेरठ यूनिवर्सिटी से इंटरनेट का जानकार पोस्टग्रेजुएट इंग्लिश का छात्र है। आरोपी किराए के अपार्टमेंट में अकेले ही आता-जाता था। पड़ोसियों को शक न हो, इसके लिए वह ऑर्गेनिक खेती के बारे में बात करता था।
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