22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है और इस दिन राम मंदिर का उद्घाटन भी होगा. वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का लोकार्पण करेंगे. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस अयोध्या एअरपोर्ट से जुडी खास बातें बताने जा रहे हैं.
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श्रीराम के जीवन से प्रेरित है अयोध्या एयरपोर्ट
अयोध्या एयरपोर्ट बेहद खास होगा क्योंकि इस एयरपोर्ट की बनावट की थीम श्रीराम के जीवन से प्रेरित है. 250 करोड़ रुपए की लागत और दो साल में बने यह अयोध्या एयरपोर्ट 8000 स्क्वायर मीटर में बना है. वहीं इस एयरपोर्ट का डिजाइन ‘नागर शैली’ से प्रेरित है और इस एअरपोर्ट का डिज़ाइन बनाने वाले आर्किटेक्ट विपुल वार्ष्णेय इस एअरपोर्ट को लेकर बताया कि ‘राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में हो रहा है और इसी से प्रेरित होकर इस एयरपोर्ट का डिजाइन तैयार किया गया है. एयरपोर्ट के 7 शिखर नागर शैली से प्रेरित हैं और बीच में मुख्य शिखर, आगे 3 और पीछे 3 शिखर हैं.’
वहीं इस अयोध्या एयरपोर्ट में हर जगह भगवान राम का प्रतिबिंब दिखाने की कोशिश की गयी है साथ ही तीर-धनुष (Bow-Arrow) का बड़ा म्यूरल लगाया गया है. एयरपोर्ट की लैंड-स्केपिंग में पंचतत्व का ध्यान रखते हुए रंगों का प्रयोग किया गया है साथ ही फ्लोरिंग में भी कई रंगों का प्रयोग किया गया है जो पंचतत्व पृथ्वी, आकाश, वायु, जल और अग्नि से प्रेरित हैं.
7 स्तम्भों पर टिका है एयरपोर्ट का भवन
इस एअरपोर्ट की खास बात ये हैं कि अयोध्या का ये एयरपोर्ट भवन 7 स्तम्भों पर टिका है, जो रामायण के सात कांडों से प्रेरित हैं. इन स्तम्भों पर आकृति और सजावट भी उसी तरह की गई है. विपुल वार्ष्णेय और उनकी टीम ने न सिर्फ इसके लिए वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और स्कंद पुराण में वर्णित प्रसंगों का अध्ययन किया, बल्कि अयोध्या के साधु-संतों और मठ के आचार्यों से भी विचार-विमर्श किया है. वहीं एयरपोर्ट के अंदर जिन म्यूरल्स से सजावट की गयी है, उसमें दो तरह की पट्टिकाएं हैं. एक दैविक पट्टिका जिसमें देव तत्व को दर्शाने की कोशिश की गयी है. दूसरा खंडिका पट्टिका, जो जीवन के क्षणभंगुर होने का प्रतीक है.
हनुमान को समर्पित एयरपोर्ट का वॉल
इसी के साथ अयोध्या एयरपोर्ट में एक सबसे बड़ा म्यूरल वाल हनुमान को समर्पित किया गया है. इसमें हनुमान के जन्म से लेकर अयोध्या में राम की आज्ञा अनुसार उनके स्थापित होने तक का पूरा चित्रण है. इसके अलावा तीन फ्लोर ऊंचा राम दरबार और मधुबनी पेंटिंग में ‘सीता-राम विवाह’ का चित्रण भी है. वहीं इस म्यूरल्स तैयार करने के लिए अयोध्या के साधु-संतों, आचार्यों से मिल कर बहुत जानकारी जुटाई गयी और अध्ययन किया गया.वहीं ये अयोध्या का एयरपोर्ट यात्री सुविधाओं से लैस होगा साथ ही पर्यावरण के अनुकूल भी होगा.