पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। कोरोना की दूसरी लहर से चारो ओर तबाही मची हुई है। हालात में पहले की अपेक्षा कुछ सुधार जरुर हुआ है लेकिन संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या अभी भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। हर रोज संक्रमण से होने वाली मौत के रिकार्ड मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना कब खत्म होगा…कब हम कोरोना से जंग जीत पाएंगे? कोरोना आखिर कब हमारे आगे कमजोर पड़ जाएगा?
आज हम इन सभी चीजों को काफी स्पष्ट तरीके से आपको बताने जा रहे हैं। देश में कोरोना की दूसरी लहर से स्थिति भयावह बनी हुई हैं और यह अपने पीक प्वाइंट पर है। कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से ज्यादा खतरनाक है। दूसरी लहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में रिकार्ड इजाफा देखने को मिला और संक्रमण के कारण रिकार्ड मौतें हुई।
दूसरी लहर में स्थितियां काफी खराब हो गई थी। देश के कई राज्यों में संक्रमित मरीजों को हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल पा रहे थे। ऑक्सीजन की भारी किल्लत थी। कई राज्य वेंटिलेटर और जरुरी दवाईयों की कमी का सामना भी कर रहे थे। लेकिन अब हालात पहले की अपेक्षा काफी बेहतर होते दिख रहे हैं। लेकिन अभी कोरोना से जंग जारी है।
तीसरी लहर के आने की आशंका से डरे हुए हैं लोग
कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है। ऐसे में लोगों के मन में दूसरी लहर से मची तबाही का मंजर देखने के बाद तीसरी लहर को लेकर भी डर बैठा हुआ है। लोगों का कहना है खतरनाक कोरोना वायरस की तीसरी लहर सबकुछ तबाह कर देगी…क्या सच में तीसरी लहर इतनी घातक होगी…आईए जानते हैं
देश ने पिछले 2 महीने में जो समय देखा है वैसा आज तक नहीं देखा था। हालात इतने खराब थे कि लोग जगह-जगह रोते बिलखते घूम रहे थे। हर जगह से मौत की खबरें ही सामने आ रही थी और चारों ओर मातम पसरा दिख रहा था। ऐसे में लोगों के मन में इस खतरनाक वायरस की तीसरी लहर को लेकर डर बैठा हुआ है।
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर हमारे देश में आ चुकी है और अब धीरे-धीरे जा भी रही हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर सबसे ज्यादा घातक होती है। भारत में इसका पीक प्वाइंट चल रहा है। संक्रमितों की संख्या में काफी कमी देखने को मिल रही है।
दूसरी लहर से कम खतरनाक होगी तीसरी लहर
अगर कोरोना की पहली लहर की बात करें तो इसने हमारे देश में ज्यादा तबाही नहीं मचाई थी। वायरस की पहली लहर के लिए हम पूरी तरह से तैयार थे और हमने बखूबी इसे कंट्रोल भी कर लिया। लेकिन हमने वायरस को कमजोर समझने की भूल कर ली और इसे हल्के में ले लिया। जो हमारे लिए काफी नुकसानदायक साबित हुआ। अब हम दूसरी लहर से लड़कर ठीक होने की स्थिति में पहुंच रहे हैं। हालात पूरी तरह से सामान्य होने में अभी 1 से डेढ़ महीने का वक्त लगेगा।
दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आनी तय है। एक्सपर्ट अक्टूबर-नवंबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कहते नजर आ रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर में कोरोना के जो म्यूटेंट होंगे वह बच्चों के लिए काफी घातक साबित हो सकते हैं। इसीलिए तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है।
लेकिन यह दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी। अगर यह खतरनाक होती भी है तो हम इसके लिए तब तक पूरी तरह से तैयार रहेंगे। कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने की तैयारी के लिए पहले ही सरकार पर तमाम आरोप लग चुके हैं। ऐसे में सरकार तीसरी लहर की तैयारी में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहेगी।
तीसरी लहर आने तक 70 फीसदी आबादी हो जाएगी सुरक्षित
तीसरी लहर के आने तक देश की 15 फीसदी आबादी ऐसी होगी, जो इस वायरस को झेल चुके होंगे और उनकी बॉडी में इससे लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित हो चुकी होगी। 15 फीसदी बच्चे ऐसे होंगे जिन्हें यह वायरस जकड़ में नहीं ले पाएगा। क्योंकि बताया जा रहा है कि तीसरी लहर एकदम छोटे बच्चों को असर नहीं कर पाएगी। 12-13 साल के ऊपर के बच्चे तीसरी लहर में इसकी चपेट में आ सकते हैं। यानी लगभग 30 प्रतिशत आबादी इससे यूं ही सुरक्षित हो गई।
अब बारी आती है उन लोगों की जो तब तक वैक्सीन लगवा चुके होंगे। अगर केंद्र सरकार वैक्सीनेशन की स्पीड तेजी से बढ़ाती है तो कोरोना की तीसरी लहर आने तक देश के 40 फिसदी लोग वैक्सीन लगवा चुके होंगे और उनके शरीर में कोरोना से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई होगी। यानी कुल मिलाकर 70 फीसदी आबादी कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित हो गई होगी। मतलब साफ है कि देश की इतनी आबादी के शरीर में एंटीबॉडी विकसित हो गए रहेंगे।
ऐसे में अगर यह कोरोना के चपेट में आते हैं तो इन्हें नॉर्मल सर्दी, जुकाम और बुखार हो सकता है। उन्हें हॉस्पिटल जाने के चांस काफी कम हो जाएंगे। अब बची 30 फीसदी आबादी को बचाने के लिए सरकार को पूरी तरह से तैयार रहना होगा। मौजूदा समय की अपेक्षा तीसरी लहर तक स्थिति काफी हद तक सामान्य हो जाएगी। तब लोगों को ऑक्सीजन और बेड्स की कमी जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पडेगा। क्योंकि तीसरी लहर से लड़ने के लिए तब तक हम पूरी तैयारी कर चुके होंगे।
यूनिवर्सल वैक्सीन पर चल रहा काम
खतरनाक कोरोना वायरस के कई म्यूटेंट देखने को मिले हैं। समय-समय पर यह बदलते रहता है और लोगों पर हमला करता रहता है। ऐसे में इससे लड़ने के लिए यूनिवर्सल वैक्सीन बनाने की सोची जा रही है, जिसे इंटरनेशनल लेवल पर बनाया जाएगा। जो हर तरह के वायरस को जड़ से मिटाने में सक्षम होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द से जल्द ही इसे काम में लिया जा सकता है।