महाराष्ट्र के मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या (Baba Siddiqui Murder) के बाद पूरा राज्य सदमे में है। शनिवार देर रात तीन हमलावरों ने उन पर तीन गोलियां चलाईं। उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। बिस्नोई गैंग (Bisnoi Gang) ने उनकी मौत की जिम्मेदारी ली है। हैरान करने वाली बात यह है कि उन्हें केंद्र सरकार की ओर से वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। इसके बावजूद उनकी हत्या को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि उनकी सुरक्षा में कहां चूक हुई और भारत में किसे वाई श्रेणी की सुरक्षा (Y Category Security) दी जाती है।
Y सिक्योरिटी पर उठे सवाल- Questions raised on Y Security
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी ने 15 दिन पहले बताया था कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) को इस बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद उन्हें केंद्र सरकार की ओर से वाई लेवल की सुरक्षा दी गई थी। वहीं, जब सिद्दीकी पर हमला हुआ, तब वे अपने बेटे जीशान सिद्दीकी (Baba’s son Zeeshan Siddiqui) के बांद्रा ईस्ट स्थित ऑफिस से बाहर निकल रहे थे। इसी ऑफिस के बाहर तीन लोगों ने फायरिंग की। उन्हें दो से तीन गोलियां लगीं। घायल अवस्था में उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सिद्दीकी की मौत ने सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बाबा सिद्दीकी सुरक्षा में चूक- Baba Siddiqui security lapse
सूत्रों का दावा है कि हमलावरों ने विजयादशमी का दिन बहुत सोच समझकर चुना था। जिस समय बाबा सिद्दीकी पर हमला हुआ, उस समय आसपास के इलाके में बच्चे पटाखे फोड़ रहे थे। चूंकि यह विजयादशमी का दिन था, इसलिए मुंबई के साथ-साथ पूरे भारत में यह बहुत आम घटना थी। लेकिन इन पटाखों के शोर के बीच हमलावरों ने जीशान सिद्दीकी के दफ्तर से बाहर निकल रहे बाबा सिद्दीकी पर हमला कर दिया। जानकारी के मुताबिक, हमले के कुछ देर बाद तक किसी को समझ नहीं आया कि बाबा सिद्दीकी पर हमला हुआ है।
बाबा सिद्दीकी पर हमला होने की बात सबसे पहले उनके ड्राइवर को पता चली। उसे सबसे पहले एहसास हुआ कि कार के शीशे पर गोली लगने से पता चलता है कि हमला हुआ है। हालांकि, हमलावरों ने भीड़ का फायदा उठाया और ड्राइवर के बचाव या कार को सुरक्षित जगह पर ले जाने से पहले ही बाबा सिद्दीकी पर तीन गोलियां दाग दीं।
क्या कर रही थी सिक्योरिटी?
सीआईएसएफ अधिकारियों को आम तौर पर वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है। हालांकि, सीआईएसएफ ने हमले के दौरान बाबा सिद्दीकी के सुरक्षा कर्मचारियों की हरकतों के बारे में पूछताछ का अभी तक जवाब नहीं दिया है। मुंबई पुलिस भी पूरे मामले की जांच कर रही है। उम्मीद है कि मुंबई पुलिस रविवार रात तक सुरक्षा समस्या पर अपना आधिकारिक रुख सार्वजनिक कर देगी।
वाई श्रेणी की सुरक्षा कैसे मिलती है?
मंत्रियों की सुरक्षा वाई श्रेणी की सुरक्षा (How to get Y category security) जैसी नहीं होती। इसके लिए सरकार को पहले आवेदन करना होता है। उसके बाद सरकार द्वारा ख़तरे का आकलन करने के लिए ख़ुफ़िया सेवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। ख़तरे की पहचान होते ही सुरक्षा प्रदान की जाती है। वाई श्रेणी में ग्यारह लोग सुरक्षाकर्मी के तौर पर काम करते हैं। दो पीएसओ (निजी सुरक्षा गार्ड) भी होते हैं। इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं होता। ये सुरक्षा उपाय देश के उन गणमान्य लोगों और सांसदों को दिए जाते हैं जिनकी जान को ख़तरा हो।
विपक्ष के सवाल
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर पोस्ट कर इसे सरकार की गंभीर लापरवाही बताया है। उन्होंने कहा है कि इस हत्या के बाद ऐसा लग रहा है कि मुंबई में एक बार फिर 80 का दशक लौट आया है, जहां गैंगवार एक कड़वी सच्चाई हुआ करती थी। उन्होंने लगातार कई हत्याओं का जिक्र करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था में इतनी गंभीर लापरवाही लंबे समय से नहीं देखी गई थी।
और पढ़ें: Salman-Shah Rukh का पैचअप कराने वाले बाबा सिद्दीकी की हुई हत्या, बिश्नोई गैंग ने ली जिम्मेदारी