SDM Salary: भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (SDM) का पद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जिले के जिला मजिस्ट्रेट (DM) के बाद यह पद सबसे शक्तिशाली माना जाता है। प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ राजस्व और न्यायिक कार्यों में भी एसडीएम की अहम भूमिका होती है। आइए जानते हैं एसडीएम के इस पद तक पहुंचे की शक्तियों, जिम्मेदारियों और प्रक्रिया के बारे में।
एसडीएम की जिम्मेदारियां
एसडीएम (Position of Sub-Divisional Magistrate) अपने जिले में डीएम को रिपोर्ट करते हैं और सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनके कार्यक्षेत्र में शामिल हैं:
सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन: वे अपने क्षेत्र में सरकारी योजनाओं को लागू करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि लाभ लक्षित समूह तक पहुँचे।
भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन: सरकारी और निजी भूमि का पूरा रिकॉर्ड उनके अधीन होता है।
प्रमाण पत्र जारी करना: विवाह पंजीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण और निवास प्रमाण पत्र जैसी सेवाएँ प्रदान करना।
तहसीलदारों का पर्यवेक्षण: तहसीलदार और अन्य अधिकारी एसडीएम के अधीन काम करते हैं।
राजस्व कार्य: भूमि विवादों का निपटारा और अन्य राजस्व संबंधी कार्य।
एसडीएम का वेतन (SDM Salary)
एसडीएम का वेतनमान 9300-34800 रुपये है, जिसका ग्रेड पे 5400 रुपये है। इनका शुरुआती वेतन 56,100 रुपये है, जो अधिकतम 1.77 लाख रुपये तक हो सकता है।
एसडीएम को मिलने वाले भत्ते: Allowances of SDM
– आवास और सुरक्षा: सरकारी आवास, सुरक्षा गार्ड और घरेलू काम के लिए सहायक।
– सरकारी वाहन और बिल का भुगतान: सरकारी वाहन, टेलीफोन, बिजली और इंटरनेट का खर्च सरकार वहन करती है।
– यात्रा और शिक्षा: आधिकारिक दौरों और उच्च शिक्षा के लिए छुट्टी के दौरान उच्च श्रेणी की आवास सुविधा।
– पेंशन योजना: सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और अन्य लाभ।
एसडीएम बनने की प्रक्रिया
एसडीएम (Responsibilities of SDM) बनने के लिए उम्मीदवार को राज्य लोक सेवा आयोग (पीसीएस) द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है:
– प्रारंभिक परीक्षा (Prelims): सामान्य ज्ञान और योग्यता के आधार पर।
– मुख्य परीक्षा (Mains): विषय ज्ञान की गहराई की जाँच करने के लिए।
– साक्षात्कार: अभ्यर्थी की योग्यता और प्रशासनिक दृष्टिकोण का मूल्यांकन।
योग्यता: SDM Qualification
अभ्यर्थी के पास किसी भी स्ट्रीम में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। परीक्षा में उच्च रैंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों का चयन एसडीएम पद के लिए किया जाता है।
अन्य राज्यों में प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश की तरह अन्य राज्यों में भी एसडीएम या डिप्टी कलेक्टर के पदों के लिए परीक्षा राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाती है। हालांकि, राज्यों के अनुसार नियम और प्रक्रिया में थोड़ा अंतर हो सकता है।
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