Vishnu Shankar Jain kon hain: संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे के बाद सांप्रदायिक तनाव गहरा गया है। इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का नाम चर्चा में है। 19 नवंबर को केले देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि (Mahant Rishiraj Giri) की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में यह दावा पेश किया गया। कोर्ट कमीशन की अगुआई में हुए सर्वे में अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी शामिल थे।
कौन हैं विष्णु शंकर जैन? (Vishnu Shankar Jain kon hain)
विष्णु शंकर जैन सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता (Supreme Court Advocate Vishnu Shankar Jain) हैं, जिन्होंने हिंदू पक्ष से जुड़े कानूनी मामलों में अहम भूमिका निभाई है। उनका जन्म 9 अक्टूबर 1986 को हुआ और उन्होंने पुणे के बालाजी लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक किया। उनके पिता हरिशंकर जैन भी हिंदू धर्म से जुड़े विवादों में कानूनी वकालत के लिए मशहूर हैं।
विष्णु शंकर जैन ने 2010 में अपने पिता के साथ वकालत के क्षेत्र में कदम रखा था। तब से वे अयोध्या, ज्ञानवापी, कुतुब मीनार, मथुरा विवाद और ताजमहल जैसे ऐतिहासिक मामलों में हिंदू पक्ष की पैरवी कर रहे हैं। बताया जाता है कि वे अब तक मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े 102 से अधिक मामलों की पैरवी कर चुके हैं।
हरिशंकर जैन: प्रेरणा और सहयोग
विष्णु शंकर जैन के पिता हरिशंकर जैन का जन्म 27 मई 1954 को हुआ था। उन्होंने 1976 में लखनऊ कोर्ट में वकालत शुरू की थी। उनकी सबसे बड़ी कानूनी सफलता बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद (Babri Masjid-Ram Janmabhoomi Dispute) में मानी जाती है। 1993 में कोर्ट के आदेश से बाबरी ढांचे के दरवाजे हिंदू पक्ष के लिए खोल दिए गए थे।
संभल विवाद में उनकी भूमिका
संभल में शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने के बाद विष्णु शंकर जैन सर्वे में शामिल हुए थे। पहला सर्वे 19 नवंबर को हुआ था, जिसमें जैन ने कोर्ट कमिश्नर के साथ हिस्सा लिया था। 24 नवंबर को दोबारा सर्वे के दौरान पथराव और हिंसा हुई। जैन ने कहा कि यह भीड़ अचानक नहीं जुटी, इसकी पहले से योजना बनाई गई थी।
सांप्रदायिक तनाव का बढ़ता इतिहास
खबरों की मानें तो, संभल का यह विवाद उनके करियर का पहला मामला नहीं है। वे ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि और कुतुब मीनार जैसे मामलों में भी हिंदू पक्ष की पैरवी कर चुके हैं। उनकी पैरवी का उद्देश्य हिंदुओं को उनका हक दिलाना और ऐतिहासिक गलतियों को सुधारना है।
विवाद पर जैन की प्रतिक्रिया
विष्णु शंकर जैन (Vishnu Shankar Jain kon hain) का कहना है कि सर्वे के दौरान भीड़ ने जानबूझकर सर्वे टीम को निशाना बनाया। उन्होंने दावा किया कि भीड़ को भड़काकर लाया गया था और पत्थर पहले से ही एकत्र किए गए थे।
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