Karni Sena President Death: जमशेदपुर में करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष विनय सिंह (46) की हत्या की एक बड़ी वारदात सामने आई है। रविवार को हुई इस हत्या के बाद इलाके में गहरा तनाव फैल गया है और समर्थक एवं परिजन सड़कों पर उतर आए हैं। विनय सिंह की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी, जिसके बाद से पुलिस और प्रशासन के लिए मामले की तह तक पहुंचना चुनौती बन गया है।
हत्या की घटनास्थल पर गोली के निशान और पिस्तौल का राज- Karni Sena President Death
विनय सिंह मानगो स्थित आस्था स्पेस टाउन के निवासी थे। दोपहर के समय उन्होंने परिजनों को बताया था कि वह किसी दोस्त के साथ जमीन देखने जा रहे हैं, लेकिन शाम तक वह घर वापस नहीं लौटे। रात करीब 10 बजे सूचना मिली कि एमजीएम थाना क्षेत्र के एनएच-33 से करीब 200 मीटर अंदर गौड़गोड़ा (बालीगुमा) गांव के जंगल में एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद विनय सिंह के परिजनों ने शव की पहचान की। उनके माथे में गोली का निशान था और शरीर पर भी चोट के कई अन्य निशान थे। यह स्पष्ट था कि यह एक सुनियोजित हत्या थी, और विनय सिंह के हाथ में एक पिस्तौल भी था, जो उनकी नहीं थी। परिजनों का कहना है कि हत्या के बाद पिस्तौल उनके हाथ में रखी गई थी, ताकि मामला गुमराह किया जा सके।
घटनास्थल से स्कूटी और मोबाइल बरामद
घटना की जानकारी मिलने पर एमजीएम थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने विनय सिंह की स्कूटी और मोबाइल के साथ-साथ घटनास्थल से पिस्तौल भी जब्त कर लिया। शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया गया, लेकिन वहां मौजूद समर्थकों और परिजनों ने इसका विरोध किया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद शव को एंबुलेंस द्वारा उठाया गया। घटनास्थल पर रात भर भारी संख्या में लोग जमा रहे, और आक्रोशित समर्थकों ने एनएच जाम करने की कोशिश की, जिसके कारण पुलिस को अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा।
हत्या के पीछे की साजिश: पुलिस को मिली अहम जानकारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, विनय सिंह की नजदीकी मानगो के कुख्यात अपराधी गणेश सिंह से थी, जिससे पुलिस को संदेह है कि हत्या में माशूक मनीष का हाथ हो सकता है। मनीष ने दो साल पहले भुइयांडीह में टकलू लोहार की हत्या की थी। इसके अलावा, विनय सिंह को कुछ माह पहले धमकियां मिल रही थीं और उनका पीछा भी किया जा रहा था। इस मामले की शिकायत उन्होंने पुलिस के वरीय अधिकारियों से की थी, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की गई।
हत्या के बाद तनाव और विरोध प्रदर्शन
विनय सिंह की हत्या की खबर फैलते ही करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता घटनास्थल पर पहुंचे। भाजपा नेता नीरज सिंह, करणी सेना के कन्हैया सिंह, हरि सिंह राजपूत, अप्पू तिवारी जैसे प्रमुख नेता भी वहां मौजूद थे। परिजनों ने साफ तौर पर कहा कि विनय सिंह की किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी, और यह हत्या एक साजिश के तहत की गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाया जा रहा है कि विनय सिंह किसके साथ वहां पहुंचे थे और उन्हें किसने बुलाया था।
हत्या की सूचना के बाद मानगो, बागबेड़ा, गोविन्दपुर, आदित्यपुर, गम्हरिया जैसे इलाकों से लोग घटनास्थल पर पहुंचे और शव को देख आक्रोशित हो गए। इसके बाद समर्थक और परिजनों ने डिमना चौक को जाम कर दिया और विरोध प्रदर्शन किया। लोगों का गुस्सा फूट पड़ा, और वे शव को जल्दी से उठाने की मांग कर रहे थे। एंबुलेंस के न पहुंचने पर पुलिस से भी उनकी बहस हुई।
पुलिस की जांच जारी
विनय सिंह की हत्या के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक हत्यारों की पहचान नहीं हो पाई है, और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हत्या की साजिश में कौन शामिल था और विनय सिंह को किसने और क्यों निशाना बनाया। यह मामला न केवल करणी सेना बल्कि क्षेत्र के लोगों के लिए भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है, और सभी की नजरें पुलिस की जांच पर हैं।
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